पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के निलंबित मुख्य न्यायाधीश इफ़्तिख़ान मोहम्मद चौधरी की बहाली के मामले पर शुक्रवार को फ़ैसला आने की संभावना है।
इफ़्तिख़ार चौधरी को गत मार्च में राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ के आदेश पर निलंबित किया गया था।
उन पर अपने पद के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया था ।
जबकि उनके समर्थकों का कहना है कि उनको राष्ट्रपति मुशर्रफ़ ने राजनीतिक कारणों से हटाया था। वे आरोप लगाते हैं कि दरअसल मुशर्रफ़ फिर से राष्ट्रपति बनने का रास्ता आसान बनाना चाहते थे ।
इफ़्तिख़ार चौधरी को हटाने का बड़ा विरोध हुआ है और वकीलों ने इसका विरोध करते हुए देशभर में प्रदर्शन किए हैं ।
विवादित मामाला
हाल के महीनों में इफ़्तिख़ार चौधरी पाकिस्तान के बेहद विवादित व्यक्ति बन गए हैं।
वे देश भर में रैलियाँ करते रहे हैं और न्यायपालिका में राजनीतिक हस्तक्षेप का विरोध करते रहे हैं ।
हालांकि उन्होंने सीधे-सीधे राष्ट्रपति मुशर्रफ़ के विरोध में कुछ नहीं कहा है लेकिन उनकी रैलियों को राजनीतिक रैलियों की तरह ही देखा गया है और उनमें अक्सर विपक्षी दलों के नेता शामिल होते रहे हैं ।
अब सुप्रीम कोर्ट को फ़ैसला करना है कि क्या राष्ट्रपति को सुप्रीम कोर्ट के मुख़्य न्यायाधीश को बर्खास्त करने का अधिकार था और क्या इफ़्तिख़ार चौधरी पर लगाए गए आरोपों पर आगे कार्रवाई की जा सकती है।
क़ानूनी मसले बेहद पेचीदा हैं ।
लेकिन इन पेचीदे मसलों के पीछे जो सवाल हैं वो एकदम सीधे-सपाट है। एक तो यह कि क्या जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ सेना प्रमुख और राष्ट्रपति दोनों पदों पर बने रह सकते हैं, और दूसरा यह कि उनके फिर से राष्ट्रपति बनने का फ़ैसला यही संसद करेगी या पहले संसदीय चुनाव होंगे?
बहुत से लोगों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट कोई बीच का रास्ता निकाल सकती है जिसमें इफ़्तिख़ार चौधरी को बहाल कर दिया जाए लेकिन उन्हें राष्ट्रपति मुशर्रफ़ के राजनीतिक भविष्य से जुड़े किसी भी मामले की सुनवाई से रोक दिया जाए ।
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