उल्लेखनीय है कि राजस्थान में जोधपुर की एक अदालत ने 10 अप्रैल, 2006 को सलमान ख़ान को चिंकारा के शिकार के मामले में दोषी क़रार देते हुए पाँच साल की जेल और 25 हज़ार रुपए के जुर्माने की सज़ा सुनाई थी।
फ़ैसले के बाद अदालत ने जोधपुर केंद्रीय कारागार भेज दिया गया था जहाँ उन्होंने तीन रातें गुजारीं थीं। ज़मानत मिलने के बाद वो जेल से बाहर आ पाए थे।
उन्होंने निचली अदालत के फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील की है और कहा है कि वो निर्दोष हैं।
सलमान ख़ान के वकील एचएम सारस्वत का कहना था कि मामले की सोमवार को सुनवाई होगी और हम इस पर बहस के लिए तैयार हैं।
शिकार का मामला
चिंकारा के शिकार का मामला 1998 का है। सलमान पर आरोप है कि उन्होंने 1998 में फ़िल्म 'हम साथ साथ हैं' की शूटिंग के दौरान चिंकारा को मारा था।
इस मामले में जोधपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने सलमान ख़ान को वन्य जीव संरक्षण क़ानून के तहत शिकार का दोषी क़रार देते हुए सज़ा सुनाई थी।
वन्य जीवन क़ानून की धारा 51 और 52 के तहत अधिकतम छह साल की सज़ा का प्रावधान है।
इससे पहले काले हिरण के शिकार के लिए एक अन्य मामले में सलमान ख़ान को एक साल की जेल और पाँच हज़ार रुपए जुर्माने की सज़ा सुनाई गई थी।
No comments:
Post a Comment