एनडीए की ओर से नज़मा हेपतुल्ला और तीसरे मोर्चे की ओर से रशीद मसूद अन्य उम्मीदवार हैं।
यूपीए-वाम मोर्चे के हामिद अंसारी को बहुजन समाजवादी पार्टी(बसपा) का भी समर्थन मिल रहा है।
तीसरे मोर्चे के नेता सार्वजनिक तौर पर स्वीकार कर चुके हैं कि वे केवल अपनी पहचान दर्ज कराने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। इस बीच जनता दल (सेक्युलर) ने मतदान में भाग नहीं लेने का फ़ैसला किया है।
एनडीए गठबंधन की अगुआई कर रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता सुषमा स्वराज का कहना है कि हार-जीत अलग बात है लेकिन यूपीए के लिए मैदान खाली नहीं छोड़ा जा सकता।
हालाँकि उपराष्ट्रपति चुनाव से भाजपा और शिवसेना की दूरियाँ कम हुई हैं। राष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना ने एनडीए से अलग रूख कायम करते हुए यूपीए-वाम मोर्चे की उम्मीदावर प्रतिभा पाटिल को वोट दिया था।
लेकिन इस बार शिवसेना ने संकते दिए हैं कि उसके सांसद उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करेंगे।
राष्ट्रपति चुनाव के विपरीत उपराष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचक मंडल में केवल सांसद शामिल होते हैं विधायक नहीं।
लोकसभा और राज्यसभा के 788 सदस्यों में बसपा को मिलाकर यूपीए-वाम मोर्चे के उम्मीदवार को 425 सांसदों का समर्थन प्राप्त है जबकि एनडीए को केवल 240 सांसदों समर्थन मिल रहा है।
No comments:
Post a Comment