Friday, August 31, 2007

परमाणु ऊर्जा के लिए एक देश पर निर्भरता नहीं

भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने तारापुर में दो नाभिकीय रिएक्टर देश को समर्पित करते हुए कहा है कि परमाणु क्षेत्र में किसी एक देश पर निर्भरता नहीं होगी.

उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि भारत जैसे एक अरब से ज़्यादा की आबादी वाले देश की ऊर्जा की ज़रूरतों को दरकिनार नहीं किया जा सकता और इसके लिए परमाणु ऊर्जा को अपनाना एक बेहतर विकल्प है.

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शुक्रवार को अपनी एक अहम यात्रा पर महाराष्ट्र गए हुए हैं जहाँ उन्होंने थाणे ज़िले के तारापुर परमाणु केंद्र में दो नए रिएक्टर देश को समर्पित किए.

उन्होंने इस मौके पर कहा, "हम जिस जनसंख्या और विकास दर के साथ आगे बढ़ रहे हैं उसमें ऐसे ऊर्जा विकल्पों को अपनाने की ज़रूरत है जो आर्थिक ही नहीं, बल्कि पर्यावरण की दृष्टि से भी हमारे लिए सुगम हों."

प्रधानमंत्री ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी (आईएईए) से सहमति मिलने के बाद भारत अमरीका, रूस, जापान और फ्रांस जैसे देशों सहित परमाणु आपूर्ति समूह (एनएसजी) के सभी 45 सदस्य देशों से सहयोग ले सकेगा.

उन्होंने कहा, "एनएसजी से सहयोग तभी मिल सकेगा जब हमें आईएईए से सहमति मिल जाएगी. इसके बाद परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय में अछूत बने रहने की स्थिति से उबर पाएंगे."

नए रिएक्टर

दोनों रिएक्टर, यूनिट-3 और युनिट-4 राज्य के थाणे ज़िले में स्थित तारापुर नाभिकीय ऊर्जा केंद्र में स्थि हैं. इन दोनों रिएक्टरों में से प्रत्येक की ऊर्जा क्षमता 540 मेगावाट तक है.

बताया जा रहा है कि ये रिएक्टर अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी (आईएईए) की भारत की ओर से प्रस्तावित रिएक्टरों की सूची में शामिल नहीं हैं.

ग़ौरतलब है कि भारत की ओर से परमाणु रिएक्टरों की एक सूची आईएईए को प्रस्तावित की गई है जिनकी सुरक्षा जाँच का काम एजेंसी की देखरेख में होगा.

इस दौरान प्रधानमंत्री भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में स्नातक छात्रों को संबोधित करेंगे और संस्थान के अव्वल छात्रों को होमी भाभा स्वर्ण पदक से सम्मानित भी करेंगे.

किसानों की सुध

स्थानीय बीबीसी संवाददाता ने बताया कि इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री राज्य में कृषि और किसानों की स्थिति से संबंधित जानकारी भी राज्य सरकार

पिछले वर्ष प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र में किसानों की सबसे ज़्यादा आत्महत्याओं के मामले वाले विदर्भ क्षेत्र का दौरा किया था और इसके बाद एक बड़े आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी.

जानकारी के मुताबिक अपनी इस यात्रा में रिएक्टरों को राष्ट्र को समर्पित करने के बाद प्रधानमंत्री राज्य के मुख्यमंत्री से यह जानकारी लेंगे कि किसानों के लिए दिए गए राहत पैकेज का क्या हुआ.

यह भी कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री बिलासराव देशमुख इसे लेकर थोड़ा-सा दबाव भी महसूस कर रहे हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री के राहत पैकेज से संबंधित व्यय आदि का पूरे ब्यौरे पर एक मोटी रिपोर्ट तैयार कर रखी है जिसे वो प्रधानमंत्री को सौंपने वाले हैं.

पिछले वर्ष विदर्भ क्षेत्र की यात्रा के बाद वहाँ के किसानों की बदहाल स्थिति को सुधारने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 37 अरब 50 करोड़ रूपए के पैकेज की घोषणा की थी. इस राहत पैकेज के बावजूद किसानों की आत्महत्या के मामले सामने आते रहे हैं.

No comments: