Saturday, October 13, 2007

वामपंथी समझौते संबंधी बयानों से उत्साहित

वामपंथी दलों ने भारत अमरीका परमाणु समझौते पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ताज़ा बयानों को गठबंधन धर्म की बहाली का संकेत बताया है और कहा है कि ये देश के लिए अच्छा है।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव एबी बर्द्धन ने हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप सम्मेलन में परमाणु समझौते पर इन नेताओं के संकेतों पर कहा कि विरोधी दृष्टिकोणों के बीच संवाद और एक दूसरे के दृष्टिकोण के प्रति सहिष्णुता और सम्मान की भावना गठबंधन राजनीति की अनिवार्यता है।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि समझौता न होने से उन्हें निराशा तो होगी लेकिन यह अंत नहीं है।

जबकि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने समझौते पर वामदलों के विरोध को ग़ैरवाजिब मानने से इनकार किया और उनके साथ सामंजस्य बिठाने की ज़रुरत बताई।

मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी दोनों ने मध्यावधि चुनावों की अटकलों पर कहा है कि सरकार को कोई ख़तरा नहीं है।

मनमोहन सिंह ने कहा कि उन्हें यकीन है कि उनकी सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा, " चुनाव अभी दूर हैं। सरकार का कार्यकाल पूरा होने में अभी डेढ़ साल का वक़्त है। मैं उम्मीद करता हूँ कि सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी।"

मनमोहन सिंह ने कहा, " हमारी सरकार सिर्फ़ एक मुद्दे भर की नहीं है। अगर समझौता नहीं हुआ तो यह निराशानजक होगा। लेकिन जीवन में व्यक्ति ऐसी निराशाओं के साथ जीता है और फिर आगे बढ़ जाता है।"

सोनिया गांधी ने भी मध्यावधि चुनावों की संभावना को नकार दिया।

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