Friday, October 19, 2007

बेनज़ीर के काफ़िले में बम विस्फोट, सौ से अधिक मरे

आठ साल के निर्वासन के बाद स्वदेश लौटीं पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो के स्वागत की रैली के नज़दीक दो बम धमाके हुए हैं।

कराची के पुलिस प्रमुख अज़हर फ़ारुक़ी ने विस्फोटों में 111 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है।

उन्होंने कहा है कि यह एक आत्मघाती हमला था।

हमले में सौ से अधिक लोग घायल भी हुए हैं।

मरने वालों में 20 पुलिसकर्मी और एक स्थानीय टेलीविज़न चैनल के कैमरामैन भी शामिल हैं।

पाकिस्तान के गृहमंत्री के आफ़ताब शेरपाओ ने बीबीसी को बताया कि बेनज़ीर भुट्टो और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के दूसरे बड़े नेता सुरक्षित हैं।

दुनिया भर में निंदा

धमाकों से बेनज़ीर भुट्टो के वाहन की खिड़कियों के शीशे टूट गए हैं।

विस्फोट के समय बेनज़ीर भुट्टो उस वाहन के भीतर बैठी हुई थीं। इससे पहले वे इस वाहन की छत पर खड़ी हुई लोगों का अभिवादन कर रही थीं।

बेनज़ीर भुट्टो को उनके निवास बिलावल हाउस पहुँचा दिया गया। उनकी ओर से कोई बयान जारी नहीं किया गया है।

आत्मघाती हमला?

धमाके आधी रात के बाद हुए हैं। दो कारों में आग लग गई।

कराची के पुलिस प्रमुख अज़हर फ़ारूक़ी ने कहा है कि यह एक आत्मघाती हमला था।

आत्मघाती हमले की तरह ही पहला विस्फोट हैंडग्रैनेड से किया गया और दूसरा आत्मघाती हमला किया गया।

यह पूछने पर कि सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम के बाद यह हमला कैसे संभव हुआ तो उन्होंने कहा कि जब इतनी भीड़ हो तो आत्मघाती हमला हो सकता है।

जब गृहमंत्री शेरपाओ ने पूछा कि इतनी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बाद यह घटना कैसे घटी तो उन्होंने कहा, "हज़ारों-लाखों लोग हों तो यह तय करना मुश्किल होता है कि कौन लोग काफ़िले में शामिल लोग हैं और कौन नहीं।"

उन्होंने कहा, "जब काफ़िला 14-16 किलोमीटर चल चुका हो तो जैमर की बैटरी भी काम करना बंद कर देती है और यदि हमला रिमोट से न किया गया हो तो उसे जैमर से रोकना संभव नहीं होता।"

पाकिस्तान के टेलीविज़न चैनल दिखा रहे हैं कि विस्फोट के बाद घटनास्थल के पास अफ़रा-तफ़री का माहौल बन गया और लोग इधर-उधर भागने लगे।

बेनज़ीर भुट्टो रैली में
बेनज़ीर भुट्टो के स्वागत के लिए हज़ारों लोग जमा हुए थे

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि वहाँ लाशें बिखरी पड़ी थीं और जहाँ-तहाँ ख़ून बिखरा हुआ था।

घायलों को कई अस्पतालों में पहुँचाया गया। इनमें से कई की हालत नाज़ुक बताई गई है।

उल्लेखनीय है कि बेनज़ीर भुट्टो दोपहर को दुबई से पाकिस्तान पहुँचीं और उनके स्वागत की रैली एयरपोर्ट से शहर की ओर निकली थी।

वे शहर पहुँचने के बाद एक आमसभा को संबोधित करने वाली थीं। इस रैली में बेनज़ीर भुट्टो के दसियों हज़ार समर्थक थे।

बताया गया है कि धमाके बाद काफ़िले को रोक दिया गया और आसपास के इलाक़े की घेरेबंदी की गई है। वहाँ बम निरोधक दस्ते भेजे गए हैं।

तालेबान समर्थक चरमपंथियों ने पहले ही हमलों की धमकी दी थी और इसके मद्देनज़र कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। प्रशासन ने 'फ़ूलप्रूफ़' सुरक्षा व्यवस्था का दावा किया था।

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