पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो के काफ़िले पर गुरुवार रात हुए हमले के संबंध में अभी तक जाँचकर्ताओं को कोई ठोस सुराग नहीं मिल सका है।
ग़ौरतलब है कि बेनज़ीर भुट्टो के काफ़िले पर गुरुवार रात हुए आत्मघाती हमले में 130 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 300 लोग घायल हो गए थे।
हालांकि पूरे मामले की जाँच के प्रमुख मंज़ूर मुग़ल ने बीबीसी को बताया कि विस्फोट की जगह से एक संदिग्ध व्यक्ति का सिर मिला है। इस व्यक्ति की अभी तक शिनाख़्त नहीं हो सकी है।
मज़ूर मुग़ल ने बताया कि आत्मघाती हमलों में आमतौर पर हमलावर का सिर सुरक्षित रहता है और इसी आधार पर विस्फोट की जगह के मिले सिर को जाँच के लिए सील कर लिया गया है।
उन्होंने बताया कि अमूमन इतना समय बीतने के बाद हमलों के संबंध में कुछ सुराग मिल ही जाते हैं पर इस बार ऐसा नहीं हुआ है।
पाकिस्तान के गृह सचिव सैयद कमाल शाह ने बीबीसी को बताया कि गुरुवार की घटना में आत्मघाती हमलावर ने काफ़िले को निशाना बनाया था और इस्तेमाल किया गया विस्फोटक पहले होते रहे धमाकों से अलग नहीं है।
अभी तक किसी संगठन ने इस हमले की ज़िम्मेदारी नहीं ली है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे धमाके की जाँच कर रहे हैं और ये भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कहीं इस हमले के तार अफ़ग़ानिस्तान से सटे क़बायली इलाक़े से तो जुड़े नहीं हैं।
'सार्वजनिक करें नाम'
उधर पाकिस्तान के उप-सूचनामंत्री तारीक़ अज़ीम ने कहा है कि बेहतर होता अगर बेनज़ीर उन नामों का खुलासा करतीं जिनपर उन्हें हमलों के सिलसिले में शक है।
तारीक़ अज़ीम, उप सूचनामंत्री, पाकिस्तान
अच्छा होता अगर बेनज़ीर उन नामों को सार्वजनिक करतीं जिनपर उन्हें शक है. केवल कहने से नहीं होता है, ये कौन लोग हैं और उनपर आरोप का आधार क्या है, यह बताना चाहिए. या तो बेनज़ीर इस बात को राष्ट्रपति तक ही सीमित रखतीं या फिर पूरी तरह से सार्वजनिक करतीं
शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में बेनज़ीर भुट्टो ने कहा था कि उन्हें इस बात की जानकारी है कि कौन लोग उन्हें मारना चाहते हैं और ऐसे तीन नामों की जानकारी उन्होंने राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ को अपने पत्र में दे दी है।
तारीक़ अज़ीम ने बेनज़ीर के इस बयान पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि अगर उन्हें ऐसे लोगों के नाम मालूम हैं तो वो इन नामों को सार्वजनिक करें और यह भी बताएं कि किस आधार पर वो ऐसा कह रही हैं।
तारीक़ अज़ीम ने कहा, "अच्छा होता अगर बेनज़ीर उन नामों को सार्वजनिक करतीं जिनपर उन्हें शक है। केवल कहने से नहीं होता है, ये कौन लोग हैं और उनपर आरोप का आधार क्या है, यह बताना चाहिए। या तो बेनज़ीर इस बात को राष्ट्रपति तक ही सीमित रखतीं या फिर पूरी तरह से सार्वजनिक करतीं।"
यह पूछने पर कि बेनज़ीर की ओर से ऐसा इसलिए भी तो किया जा सकता है ताकि देश में तनाव न बढ़े, तारीक़ कहते हैं कि किसी राष्ट्रीय नेता पर हमला होने से ज़्यादा तनाव पैदा करने वाली बात क्या हो सकती है।
पर क्या नाम सार्वजनिक होने के बाद उनपर कार्रवाई की जाएगी, इसपर वो कहते हैं, "किसी के कहने पर ही कार्रवाई नहीं होती। वो नाम लेने के पीछे आधार बताएं तो उन नामों को ध्यान में रखकर तहकीक़ात की जा सकती है।"
पाकिस्तान के गृह सचिव सैयद कमाल शाह ने भी कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री या किसी और की तरफ से ऐसा कोई नाम नहीं बताया गया है जिसपर शक किया जा सके।
'सरकार ज़िम्मेदार नहीं'
बेनज़ीर
बेनज़ीर भुट्टो ने कहा है कि लोकतंत्र के लिए उनकी लड़ाई जारी रहेगी
धमाकों के बाद शुक्रवार को बेनज़ीर भुट्टो ने कहा था कि वो आत्मघाती हमले के लिए सरकार को ज़िम्मेदार नहीं ठहरा रहीं लेकिन उन्होंने इसकी जाँच की मांग की कि जिस समय धमाका हुआ उस समय सड़कों की बत्तियाँ क्यों बुझा दी गई थी।
उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता कि उनके सुरक्षा गार्ड आत्मघाती हमलावर को पकड़ सकते थे। बेनज़ीर भुट्टो ने कहा कि बम धमाकों से पहले उनके वाहन पर गोलियाँ चलाई गईं थीं ताकि इसे रोका जा सके।
कराची स्थित अपने निवास बिलावल हाउस में एक प्रेस कांफ़्रेंस के दौरान बेनज़ीर भुट्टो ने धमाको की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि ये हमला किसी सच्चे मुसलमान ने नहीं किया है क्योंकि महिलाओं और निर्दोष लोगों को मारना इस्लाम के ख़िलाफ़ है।
उन्होंने यह भी कहा कि इन हमलों के बाद भी लोकतंत्र के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा।
बेनज़ीर भुट्टो ने बीबीसी से हुई बातचीत में कहा कि वे जनवरी में होने वाले चुनावों में हिस्सा लेंगी और इसके लिए उनके कार्यकर्ता तैयार हैं।
Saturday, October 20, 2007
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