बांग्लादेश के दक्षिण-पश्चिमी तटवर्ती इलाक़ों में गुरुवार को आए भीषण समुद्री तूफ़ान में 50 से ज़्यादा लोगों के मारे जाने की ख़बर है। प्रशासन का कहना है कि हताहतों की संख्या बढ़ सकती है।
ताज़ा जानकारी के मुताबिक इस समुद्री तूफ़ान में अनेक लोग लापता हो गए हैं और लाखों लोग अपने घरों को छोड़कर पलायन करने को मजबूर हुए हैं और अब शरणार्थी शिविरों में हैं।
बांग्लादेश के पड़ोस में भारत के पश्चिमी बंगाल राज्य के अधिकारियों को आशंका है कि तूफ़ान से वहाँ लगभग दस लाख लोगों प्रभावित हुए हैं।
दो सौ किलोमीटर प्रति घंटे से ज़्यादा तीव्रता वाली तेज़ हवाओं ने कई घरों, भवनों को ध्वस्त कर दिया है और बड़ी संख्या में पेड़ उखड़ गए हैं। कई तटवर्ती इलाक़ों में पानी भरा हुआ है।
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हवाई अड्डा अब भी बंद है।
बांग्लादेश
तूफ़ान में 200 किलोमीटर प्रति घंटा की तीव्रता वाली हवाएँ चलीं
कई इलाकों में संचार व्यवस्था प्रभावित होने के कारण अभी तक तूफ़ान से हुई तबाही का सही अंदाज़ा नहीं लगाया जा सका है।
बांग्लादेश से पत्रकार हसन शहरयार का कहना है कि तूफ़ान से हुए नुकसान को देखते हुए कहा जा सकता है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।
हालांकि सरकारी सूत्रों का कहना है कि जैसे-जैसे प्रभावित इलाकों से संपर्क बहाल होता है, जानमाल के नुकसान का असली अंदाज़ा तभी लगेगा।
संचार ठप्प
स्थिति यह है कि कुछ शहरों और कस्बों से देर रात तक कोई संपर्क स्थापित नहीं हो पाया था और वहाँ से कोई स्पष्ट जानकारी हासिल नहीं हो सकी है।
बताया जा रहा है कि तफ़ान प्रभावित इलाके के तीन गाँव पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं।
चेतावनी
तूफ़ान से पहले चेतावनी जारी की गई थी
सरकार ने तूफ़ान के कुछ समय पहले ही चेतावनी जारी कर दी थी और लगभग साढ़े छह लाख लोगों को तूफ़ान प्रभावित इलाकों से निकाल लिया गया था।
लगभग 1000 अस्थायी पड़ावों मे तूफ़ान से प्रभावित लोगों के आश्रय लेने की व्यवस्था की गई है।
उधर मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यह तूफ़ान अब थोड़ा कमज़ोर पड़ता नज़र आ रहा है और संभव है कि शुक्रवार दोपहर तक इसकी तीव्रता कुछ कम हो जाए।
Friday, November 16, 2007
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