Thursday, November 15, 2007

शीतकालीन सत्र के गर्म रहने के आसार

भारतीय संसद का शीतकालीन सत्र गुरुवार से शुरु हो रहा है।

भारत-अमरीका परमाणु समझौते और नंदीग्राम की हिंसा से लेकर गेंहूँ आयात तक कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर यूपीए सरकार को अपने सहयोगियों और विपक्षी दलों के सवालों से दो चार होना पड़ेगा।

हालांकि सरकार कह रही है कि वह हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार है लेकिन विपक्ष के तेवर बता रहे हैं कि चर्चा से पहले हंगामा और शोर-शराबा तय है।

हालांकि सदन के पहले दिन कोई कार्यवाही नहीं होनी है क्योंकि दोनों ही सदन श्रद्धांजलि सभा के बाद स्थगित होने वाले हैं।

इस बीच लोकसभा सदस्य विजय खंडेलवाल का निधन हुआ है तो राज्यसभा से जना कृष्णमूर्ति का।
कई मुद्दे

तीन हफ़्ते चलने वाले इस सत्र में कई मुद्दों पर सरकार और विपक्ष आमने सामने होंगे तो कुछ पर सरकार को अपने ही सहयोगी दलों के सवालों के भी जवाब देने होंगे।
मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने पहले ही दिन प्रश्नकाल स्थगित कर नंदीग्राम पर बहस करवाने का नोटिस दे रखा है।

नंदीग्राम की हिंसा के मुद्दे पर यूपीए को बाहर से समर्थन दे रहे वाममोर्चे को जवाब देना होगा, ख़ासकर सीपीएम को, जिसके कार्यकर्ताओं ने नंदीग्राम में हिंसक कार्रवाई की है।
वामपंथी नेता
वामदलों ने परमाणु समझौते पर सरकार से समर्थन वापसी की धमकी भी दी थी

सीपीएम कार्यकर्ताओं की कार्रवाई को जिस तरह मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य ने उचित ठहराया है, वह भी बहस का विषय रहेगा।

परमाणु क़रार के मुद्दे पर यूपीए सरकार को उनके अपने सहयोगी वामदल की घेरे रहेंगे। हालांकि वामदलों का रुख़ पिछले दो-तीन दिनों में कुछ नरम हो गया दिखता है लेकिन इससे बहस कमज़ोर हो जाएगी ऐसा नहीं दिखता।
इस मुद्दे पर भाजपा ने भी साफ़ कर दिया है कि वह सरकार का साथ नहीं देने जा रही है।

इसके अलावा जिन मुद्दों पर माहौल गर्माया रहेगा उनमें गेहूँ के आयात और धान के समर्थन मूल्य का मामला रहेगा।

सेतुसमुद्रम परियोजना से लेकर ख़ुदरा बाज़ार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश जैसे कई मुद्दे इसी सत्र में उठने की संभावना है।

तारीख़

परमाणु समझौते ने मानसून सत्र को गर्माए रखा था। और अब माना जा रहा है कि शीतकालीन सत्र की प्राथमिकता परमाणु मुद्दे पर चर्चा है।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा है कि वे चाहते हैं कि चर्चा के दौरान सभी वरिष्ठ मंत्री उपस्थित रहें। उधर भाजपा ने साफ़ कर दिया है कि वे प्रधानमंत्री की उपस्थिति सदन में चाहते हैं।

हालांकि संसदीय कार्यमंत्री प्रियरंजन दासमुंशी कह रहे हैं कि वे सभी की सुविधा से चर्चा की तारीख़ तय कर लेंगे लेकिन मामला थोड़ा कठिन भी दिखता है।

20 नवंबर को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सिंगापुर जाकर आसियान की बैठक में शामिल होना है और फिर चोगम की बैठक के लिए यूगांडा जाना है।

इससे लगता है कि परमाणु समझौते पर चर्चा या तो 16 नवंबर को हो सकती है या फिर 19 नवंबर को। अगर मामला इससे आगे बढ़ा तो फिर प्रधानमंत्री के लौटने का इंतज़ार करना होगा।

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