Tuesday, November 13, 2007

बेनज़ीर भुट्टो फिर 'नज़रबंद'

इमरजेंसी का विरोध कर रहीं पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री और विपक्षी नेता बेनज़ीर भुट्टो को सात दिनों के लिए नज़रबंद कर दिया गया है।

उधर बेनज़ीर भुट्टो की पार्टी, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की ओर से लाहौर से इस्लामाबाद के लिए प्रस्तावित रैली के मद्देनज़र लाहौर में कड़ी कर दी गई है।

बेनज़ीर इस वक्त लाहौर में अपनी पार्टी के एक नेता के घर पर रुकी हुई हैं। इस घर के इर्द-गिर्द सोमवार रात से ही पुलिस की बड़ी तादाद में तैनाती कर दी गई है।

इस घर के आसपास के लगभग एक किलोमीटर के दायरे में किसी भी व्यक्ति के आने-जाने पर रोक लगा दी गई है और रास्ते बंद कर दिए गए हैं।

ग़ौरतलब है कि अपने तय कार्यक्रम के मुताबिक मंगलवार को बेनज़ीर भुट्टो अपने समर्थकों के साथ लाहौर से इस्लामाबाद तक की एक रैली निकालने वाली थीं।

बेनज़ीर भुट्टो ने इस रैली की घोषणा करते हुए कहा था कि उनका विरोध प्रदर्शन पाकिस्तान में आपातकाल के ख़त्म होने तक चलता रहेगा।

पिछले सप्ताह भी अपनी एक रैली से ठीक पहले बेनज़ीर भुट्टो को नज़रबंद कर दिया गया था। हालांकि बाद में उनकी नज़रबंदी हटा ली गई थी।

सुरक्षा कड़ी

इस रैली के मद्देनज़र लाहौर में धारा 144 लागू कर दी गई है। लोगों को बिना अनुमति के एक साथ इकट्ठे होने या कोई सामुहिक कार्यक्रम करने से रोक दिया गया है।

शेख़ रशीद, रेलमंत्री-पाकिस्तान
बेनज़ीर अगर कुछ साबित करना चाहती हैं तो चुनाव का सामना करें, रैली और प्रदर्शनों के ज़रिए वो ख़ुद को विपक्ष के नेता के तौर पर स्थापित करने की कोशिश कर रही हैं. उन्हें लगता है कि सारे भ्रष्टाचार के आरोपों से उबरकर वो खुद को जनता के नेता के तौर पर स्थापित कर लेंगी. जनता को तय करने दें कि चोर कौन है और चौकीदार कौन

जानकारी के मुताबिक सोमवार की शाम बेनज़ीर भुट्टो लाहौर के कुछ इलाकों में जाकर रैली से पहले की तैयारी का जायज़ा लेकर अपने एक स्थानीय नेता के घर आईं। इसके तुरंत बाद उस घर के इर्द-गिर्द पुलिस और सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ा दी गई।

अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि बेनज़ीर को इस बारे में इत्तला दी गई कि उन्हें बाहर जाने से रोका जा रहा है. इस आदेश को उन्होंने स्वीकारने से इनकार कर दिया.

अधिकारियों से पूछा कि उनकी नज़रबंदी सुरक्षा के लिहाज से की गई है या उन्हें रैली करने से रोकने के लिए तो अधिकारियों ने कहा कि रैली करना सुरक्षित नहीं है इसलिए उन्हें बाहर निकलने से रोका जा रहा है।

इस बारे में लाहौर के पुलिस प्रमुख मलिक इक़बाल ने बताया कि बेनज़ीर भुट्टो के पास पुलिसकर्मी नज़रबंदी का आदेश लेकर गए थे लेकिन उन्होंने उसे लेने से इनकार कर दिया।

उन्होंने स्पष्ट किया कि बेनज़ीर आदेश स्वीकार करें या ना करें, उस पर पूरी तरह अमल किया जाएगा।

लाहौर में बेनज़ीर भुट्टो सीनेटर लतीफ़ खोसा के यहाँ रूकी हुई हैं। पुलिस ने खोसा के घर के एक किलोमीटर के दायरे में गश्त बढ़ा दी है और किसी अनजान व्यक्ति वहाँ से आने-जाने की अनुमति नहीं है।

'इस्लामाबाद चलो'

बेनज़ीर की योजना मंगलवार को लाहौर से इस्लामाबाद तक मार्च करने की है। हालाँकि अधिकारियों ने प्रस्तावित मार्च पर प्रतिबंध लगा दिया है।

सुरक्षा
लाहौर में धारा 144 लागू कर दी गई है

पाकिस्तानी अधिकारियों ने इसे ग़ैरक़ानूनी बताया है। दूसरी ओर बेनज़ीर भुट्टो ने कहा है कि वो किसी भी सूरत में अपनी योजना नहीं बदलेंगी।

उन्होंने कहा कि उनकी गिरफ़्तारी की सूरत में भी मार्च निकाला जाएगा।

बेनज़ीर ने अपने समर्थकों से कहा है कि उनके रोके जाने की स्थिति में भी समर्थकों को रैली निकालनी चाहिए और अपना विरोध जारी रखना चाहिए।

पाकिस्तान सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा है कि बेनज़ीर भुट्टो को क़ानून तोड़ने की इजाज़त किसी क़ीमत पर नहीं दी जाएगी।

पाकिस्तान के रेलमंत्री शेख़ रशीद ने बीबीसी से बातचीत में कहा, "बेनज़ीर अगर कुछ साबित करना चाहती हैं तो चुनाव का सामना करें, रैली और प्रदर्शनों के ज़रिए वो ख़ुद को विपक्ष के नेता के तौर पर स्थापित करने की कोशिश कर रही हैं। उन्हें लगता है कि सारे भ्रष्टाचार के आरोपों से उबरकर वो खुद को जनता के नेता के तौर पर स्थापित कर लेंगी। जनता को तय करने दें कि चोर कौन है और चौकीदार कौन।"

जब उनसे पूछा गया कि क्या रैली-प्रदर्शन करना ग़लत है और ऐसा नहीं करना चाहिए तो उन्होंने कहा, "बेशक रैली-प्रदर्शन कीजिए पर अगर कोई हादसा हो गया तो कौन ज़िम्मेदार होगा। अभी पिछली रैली में डेढ़ सौ लोग मारे जा चुके हैं।"

चिंताजनक स्थिति

बेनज़ीर भुट्टो
बेनज़ीर भुट्टो को लाहौर में नज़रबंद कर दिया गया है

उधर राष्ट्रकुल देशों के संगठन कॉमनवेल्थ ने सोमवार को पाकिस्तान में लागू आपातकाल पर चिंता जाहिर करते हुए पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि अगर आपातकाल नहीं हटाया गया तो पाकिस्तान को कॉमनवेल्थ की सदस्यता से निलंबित कर दिया जाएगा।

कॉमनवेल्थ के महासचिव डॉन मैकिनन ने कहा कि अब पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ के पास दस दिनों का समय है।

अमरीका पाकिस्तानी राष्ट्रपति जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ पर इस बात के लिए दबाव बनाए हुए है कि वो सत्ता साझीदारी समझौते में बेनज़ीर को शामिल कर लें ताकि इस्लामी चरमपंथियों के ख़िलाफ़ संघर्ष में तेज़ी लाई जा सके।

ग़ौरतलब है कि पिछले महीने स्वनिर्वासन के बाद जब बेनज़ीर भुट्टो पाकिस्तान वापस लौटी थीं, उसी दिन उनके काफ़िले में हुए बम धमाकों में 130 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई।

राष्ट्रपति मुशर्रफ़ ने रविवार को वादा किया था कि देश में संसदीय चुनाव नौ जनवरी से पहले करा लिए जाएंगे लेकिन बेनज़ीर इस बात पर अड़ी हैं कि सबसे पहले इमरजेंसी वापस ली जानी चाहिए।

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