Monday, November 19, 2007

संसद में छा सकता है नंदीग्राम का मुद्दा

मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने संसद के दोनों सदनों में सोमवार को नंदीग्राम का मुद्दा ज़ोर-शोर से उठाने के संकेत दिए हैं और इस मामले पर केंद्र सरकार की 'चुप्पी' की आलोचना की है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी राज्यसभा में इस मुद्दे पर सोमवार को बहस कराने के लिए पहले ही प्रस्ताव दे चुके हैं।
उन्होंने नंदीग्राम में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के कार्यकर्ताओं की कथित ज़्यादती पर 'चुप्पी' साधने के लिए कांग्रेस की तीखी आलोचना की है।
मुरली मनोहर जोशी ने रविवार को भुवनेश्वर में पत्रकारों से कहा कि उनकी पार्टी संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएगी।

उनका कहना था, "यह बहुत ही आश्चर्यजनक है कि कांग्रेस नंदीग्राम के मुद्दे पर चुप है। सिर्फ़ इसलिए कि सीपीएम केंद्र की यूपीए सरकार को समर्थन दे रहा है।"

यह बहुत ही आश्चर्यजनक है कि कांग्रेस नंदीग्राम के मुद्दे पर चुप है. सिर्फ़ इसलिए कि सीपीएम केंद्र की यूपीए सरकार को समर्थन दे रहा है

मुरली मनोहर जोशी

भाजपा नेता ने सवाल किया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी या प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नंदीग्राम का दौरा क्यों नहीं किया।

उन्होंने कहा, "ऐसा लगता है कि कांग्रेस की चुप्पी इसलिए है कि वो अपनी अगुआई वाली यूपीए सरकार को बचाए या भारत-अमरीका परमाणु समझौते पर सीपीएम को लचीला रूख़ अपनाने के लिए बाध्य करे।"

मुरली मनोहर जोशी का कहना था कि वो पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के पक्षधर नहीं हैं लेकिन केंद्र सरकार संवैधानिक प्रावधानों के तहत राज्य सरकार को चेतावनी दे सकती थी।

नंदीग्राम के अलावा परमाणु समझौते का मुद्दा भी संसद में उठना तय है।

सीपीएम का कहना है कि केंद्र सरकार अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के साथ आणविक प्रतिष्ठानों की निगरानी और अन्य पहलुओं पर बातचीत जारी रख सकती है लेकिन इनके निष्कर्षों को परमाणु समझौते के मुद्दे पर गठित यूपए-वाम समिति के समक्ष पेश करना होगा।

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