Wednesday, November 21, 2007

मुशर्रफ़ ने लोकतंत्र को आगे बढ़ाया: राष्ट्रपति बुश

अमरीकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ पर भरोसा जताते हुए कहा है राष्ट्रपति मुशर्रफ़ अपनी ज़बान के पक्के हैं और उन्होंने देश में लोकतंत्र को आगे बढ़ाया है।

एजेंसियों के अनुसार राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने एबीसी टीवी को वॉशिंगटन के पास कैंप डेविड में दिए एक इंटरव्यू में ये विचार व्यक्त किए हैं।

समाचार माध्यमों के मुताबिक राष्ट्रपति बुश ने कहा, "मुझे लगता है कि उन्होंने हज़ारों लोगों को जेल से रिहा कर एक अच्छा संकेत दिया है। क्या हम इमरजेंसी लगाए जाने से ख़ुश हैं? नहीं, हम ख़ुश नहीं।"

महत्वपूर्ण है कि पाकिस्तान में इमरजेंसी लागू होने के बाद हज़ारों लोगों की गिरफ़्तारी हुई है लेकिन मंगलवार को जेल में क़ैद किए गए तीन हज़ार से ज़्यादा लोगों को रिहा कर दिया गया।

'लोकतंत्र को पटरी पर लाएँगे'

पाकिस्तान में चरमपंथ और लोकतंत्र पर राष्ट्रपति बुश का कहना था, "क्या मैं चरमपंथियों और कट्टरपंथियों के साथ लड़ाई में उनका महत्व जानता हूँ? हाँ मैं जानता हूँ। और क्या मैं मानता हूँ कि वे पाकिस्तान में लोकतंत्र को पटरी में ला पाएँगे? हाँ, मैं ज़रूर ऐसी उम्मीद करता हूँ।"

उनका कहना था, "उन्होंने (मुशर्रफ़) ने कहा है कि वे वर्दी उतार देंगे। उन्होंने कहा है कि चुनाव होंगे। आज उन्होंने क़ैदियों को रिहा किया है। अब तक मैनें पाया है कि वे अपनी ज़बान के पक्के हैं।"
मुझे लगता है कि उन्होंने हज़ारों लोगों को जेल से रिहा कर एक अच्छा संकेत दिया है. क्या हम इमरजेंसी लगाए जाने से ख़ुश हैं? नहीं, हम ख़ुश नहीं. क्या मैं चरमपंथियों और कट्टरपंथियों के साथ लड़ाई में उनका महत्व जानता हूँ? और क्या मैं मानता हूँ कि वे पाकिस्तान में लोकतंत्र को पटरी में ला पाएँगे? हाँ, मैं ज़रूर ऐसी उम्मीद करता हूँ

राष्ट्रपति बुश

राष्ट्रपति बुश ने कहा कि राष्ट्रपति मुशर्रफ़ ने ऐसी कोई हद पार नहीं की है जिससे वे अमरीका का समर्थन खो दें।

उनका कहना था, "मुझे नहीं लगता कि वे (मुशर्रफ़) कोई हद पार करेंगे। मुझे लगता है कि वे सच में ऐसे व्यक्ति हैं जिनका लोकतंत्र में विश्वास है।"

जब उनसे पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था, "मुझे पूरी उम्मीद है। इस समय तो हमें काफ़ी आश्वस्त हैं। जिस भी देश के पास परमाणु हथियार होंगे, हम उस पर क़रीबी नज़र तो रखेंगे ही।"

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