भारी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद उड़ीसा के कुछ इलाक़ों में बुधवार को फिर कुछ और गिरजाघरों को निशाना बनाया गया और हिंसक घटनाएँ हुईं।
इनमें लगभग 11 लोग घायल हुए हैं।
भुवनेश्वर से पत्रकार संदीप साहू का कहना है कि उड़ीसा के कंधमाल में कर्फ़्यू के बावजूद हिंसा हुई।
सूखानंदी में एक गिरिजाघर के दरवाज़े को आग लगा दी गई, साथ ही कलिंगा में कुछ घरों को निशाना बनाया गया।
प्रशासन का कहना है कि संवेदनशील इलाक़ों में सीआरपीएफ़ और रैपिड एक्शन फोर्स को तैनात कर दिया गया है।
जिले के कर्फ़्यूग्रस्त बालीगुडा, धारिंगीबाड़ी, ब्राह्मणीगांव और फुलबनी कस्बों में स्थिति अब भी तनावपूर्ण बनी हुई है।
इन इलाक़ों में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी और गरिजाघरों, कुछ घरों और ग़ैरसरकारी संगठनों के दफ़्तरों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई थी।
क्रिसमस पर हिंसा
ग़ौरतलब है कि उड़ीसा में क्रिसमस के दिन विश्व हिंदू परिषद् के आह्वान पर किए गए बंद के दौरान छह गिरजाघरों को निशाना बनाया गया था और झड़पों में एक युवक की मौत हो गई थी।
पुलिस ने बताया कि विहिप समर्थक लक्ष्मणानंद सरस्वती पर सोमवार को हुए हमले का विरोध कर रहे थे।
लक्ष्मणानंद राज्य में कथित रूप से धर्म परिवर्तन का विरोध करने वालों नेताओं में प्रमुख हैं।
इस मामले में 13 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
Thursday, December 27, 2007
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