Monday, January 14, 2008

'चीन के साथ संबंधों को उच्च प्राथमिकता'

भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चीन के प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ के साथ अनौपचारिक बातचीत कर अपने दौरे की शुरुआत की है। इस दौरान दोनों ओर के चुनिंदा लोग ही मौजूद थे।

भारत की ओर से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एमके नारायणन, विदेश सचिव शिवशंकर मेनन और चीन में भारत की राजदूत निरुपमा सुब्रमण्यम मौजूद थीं।

रविवार को मनमोहन सिंह ने उन स्थानों का भी दौरा किया जहाँ ओलंपिक खेल होने वाले हैं।

वो सोमवार को चीन के प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ और राष्ट्रपति हू जिंताओ से औपचारिक बातचीत करेंगे।

समाचार एजेंसियों का कहना है कि इस दौरान व्यापार को बढ़ावा देने के अलावा सीमा विवाद पर भी चर्चा होगी।

चीन के प्रधानमंत्री से मुलाक़ात से पहले प्रधानमंत्री सिंह ने कहा है कि भारत और चीन के संबंधों का नया दौर शुरू होने जा रहा है।
भारत और चीन के संबंधों का नया दौर शुरू होने जा रहा है और हम चीन के साथ संबंधों को मजबूत करने को उच्च प्राथमिकता देते हैं

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह

उनका कहना था कि हम चीन के साथ संबंधों को मजबूत करने को उच्च प्राथमिकता देते हैं।

प्रधानमंत्री सिंह का कहना था कि चीन भारत का सबसे बड़ा पड़ोसी देश है और वह भारत की पूर्वोन्मुख नीति के केंद्र में है।

प्रधानमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह पहली बार चीन के दौरे पर हैं और पाँच साल में यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली चीन यात्रा है।

भारतीय प्रधानमंत्री की चीन यात्रा ऐसे समय पर हो रही है जब दोनों ही देशों की अर्थव्यवस्था तेज़ी से बढ़ रही है।

हालांकि यह भी तथ्य है कि 1962 के युद्ध के बाद से शुरु हुआ सीमा विवाद अब भी दोनों देशों के बीच संदेह का कारण बना हुआ है।

हिंदी के लिए सहायता

हिंदी सीखने के लिए चीन के युवाओं में दिखे उत्साह से प्रभावित प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रतिष्ठित पीकिंग विश्वविद्यालय में इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडियन स्टडीज़ को 75 लाख रुपए देने की घोषणा की।


दोनों देशों के बीच सीमा विवाद पर भी चर्चा होगी

प्रधानमंत्री ने हिंदी में चीन के प्रोफ़ेसरों से उनका हालचाल जाना।
यह संस्थान चीन में भारतीय संस्कृति और हिंदी भाषा के प्रचार के लिए लंबे वक्त से काम कर रहा है।

साथ ही प्रधानमंत्री ने 2008 बीजिंग ओलंपिक खेलों के प्रस्तावित स्थल का दौरा किया। उन्होंने वहां तैयारियों का जायजा भी लिया।

प्रधानमंत्री ने ओलंपिक गाँव में करीब आधा घंटा बिताया और अपने संदेश में भारत की जनता और सरकार की ओर से इस आयोजन की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं।

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