पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ ने पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो की हत्या की जाँच संयुक्त राष्ट्र को सौंपने से इनकार कर दिया है।
बेनज़ीर भुट्टो के बेटे और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नए प्रमुख बिलावल भुट्टो ज़रदारी बार-बार माँग करते रहे हैं कि हत्या की जाँच संयुक्त राष्ट्र के हाथों करवाई जानी चाहिए।
उन्हें भरोसा नहीं है कि पाकिस्तान सरकार की ओर से की जा रही जाँच पर्याप्त पारदर्शी होगी।
उल्लेखनीय है कि गत 27 दिसंबर को रावलपिंडी में एक राजनीतिक रैली के बाद बेनज़ीर हत्या पर गोलियाँ चलाई गई थीं फिर एक आत्मघाती हमला किया गया था।
पहले तो सरकार ने कहा था कि बेनज़ीर की मौत कार की छत पर लगे लीवर से लगी चोट से हुई थी लेकिन बाद में परवेज़ मुशर्रफ़ ने माना था कि हो सकता है कि बेनज़ीर भुट्टो को गोली मारी गई हो।
पाकिस्तान के विपक्षी दलों का कहना है कि जाँच के प्रति सरकार का रवैया ठीक नहीं है।
'तुलना ठीक नहीं'
इन मांगों पर परवेज़ मुशर्रफ़ ने अपनी चुप्पी फ़्रांसिसी अख़बार 'ला फ़िगारो' को दिए गए एक साक्षात्कार में तोड़ी है।
परवेज़ मुशर्रफ़ ने कहा है कि हत्या की जाँच के लिए पाकिस्तान की अपनी संस्थाएँ हैं और उनकी सहायता के लिए ब्रिटिश पुलिस को भी बुला लिया गया है।
राष्ट्रपति मुशर्रफ़ का कहना था कि पाकिस्तान की तुलना लेबनान से करना ठीक नहीं, जहाँ पूर्व प्रधानमंत्री रफ़ीक हरीरी की हत्या की जाँच का काम संयुक्त राष्ट्र को सौंपा गया है।
उन्होंने उम्मीद जताई है कि बेनज़ीर भुट्टो की हत्या की जाँच के नतीजे अगले महीने होने वाले चुनावों के पहले सार्वजनिक कर दिए जाएँगे।
उल्लेखनीय है कि चुनाव 18 फ़रवरी को करवाने की घोषणा की गई है।
Saturday, January 12, 2008
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