दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर पहली बार चढ़ाई करने में सफल रहे न्यूज़ीलैंड के पर्वतारोही सर एडमंड हिलेरी का निधन हो गया है।
हिलेरी 88 वर्ष के थे। हिलेरी और नेपाल के पर्वतारोही शेरपा तेनज़िंग नोर्गे ने 29 मई 1953 में पहली बार दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने में सफलता प्राप्त की थी।
हिलेरी और नोर्गे का वीडियो देखिए
हिलेरी के निधन की घोषणा करते हुए न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री हेलन क्लार्क ने कहा कि वो वो एक हीरो थे और पूरे देश को उनकी मौत पर गहरा दुख है।
पिछले अप्रैल महीने में नेपाल में गिर जाने के बाद से ही हिलेरी की तबीयत ठीक नहीं थी।
एवरेस्ट के बाद हिलेरी ने 50 और 60 के दशक में हिमालय की दस और चोटियों पर भी चढ़ाई की।
न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री का कहना था कि सर एडमंड हिलेरी दुनिया में न्यूज़ीलैंड के सबसे लोकप्रिय नागरिक कहे जा सकते हैं।
उन्होंने कहा ' हिलेरी ने न केवल एवरेस्ट फतह किया बल्कि उन्होंने बाद में भी एक ऐसा जीवन जिया जिससे लोग प्रेरणा ले सकते हैं। '
19 जुलाई 1919 को जन्मे हिलेरी द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान पायलट भी रहे लेकिन बाद में उनकी पहचान पर्वतारोही के रुप में बनी।
वो 1980 में भारत में न्यूज़ीलैंड के राज़दूत भी रहे।
हिलेरी 1958 में राष्ट्रकुल के एक दल के साथ दक्षिणी ध्रुव भी गए थे और 1985 में उत्तरी ध्रुव पर पहुंचे थे।
हालांकि वो ऊत्तरी ध्रुव पर अमरीकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग के साथ एक छोटी स्की प्लेन में पहुंचे थे।
हिलेरी ने अपना सारा जीवन कुंभू ग्लेशियर के पास रहने वाले नेपाली शेरपाओं के लिए कार्य करने में लगा दिया था। उनके इस योगदान को देखते हुए वर्ष 2003 में उन्हें नेपाल की सम्मानित नागरिकता दी गई थी।
Friday, January 11, 2008
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