मलेशिया में प्रवासी भारतीयों और बहुसंख्यक मलाया समुदाय के बीच छिटपुट हिंसा के बाद नई सरकार के गठन के लिए वोट डाले जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री अब्दुल्ला बदवई ने चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में टेलीविज़न के ज़रिए मलेशिया के सभी अल्पसंख्यकों से सत्तारूढ़ नेशनल फ़्रंट गठबंधन को वोट देने की अपील की।
मलेशिया में बहुसंख्यक मलय मुसलमानों के अलावा 35 फ़ीसदी आबादी अल्पसंख्यकों की है जिनमें चीन और भारतीय मूल के लोगों की संख्या काफी अधिक है।
संभावना जताई जा रही है कि इन चुनावों में सत्तारूढ़ गठबंधन ही जीत हासिल करेगी। हालाँकि पहले के मुक़ाबले उसकी सीटें कम हो सकती है।
हाल के दिनों में क़ानून का उल्लंघन करते हुए भारतीय समुदाय के लोगों ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया था और स्थानीय लोगों के साथ झड़पें भी हुईं।
प्रवासी भारतीयों के संगठन हिंड्राफ़ का कहना है कि मलेशिया में रह रहे भारतीयों के साथ सरकार भेद-भाव कर रही है।
अब्दुल्ला बदवई ने अल्पसंख्यकों से अपील की, "मैं नहीं चाहता कि ऐसी सरकार का गठन हो जिसमें किसी एक नस्ल या धर्म के लोग हों।"
इस चुनाव में जातीय तनाव और बढ़ती महँगाई बड़े मुद्दे हैं। पूर्व उप प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम की अगुआई वाली विपक्षी पार्टी इन मुद्दों को प्रमुखता से उठा रही है।
Saturday, March 8, 2008
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