Monday, March 10, 2008

पाकिस्तान: गठबंधन सरकार पर समझौता

पाकिस्तान में दो प्रमुख राजनीतिक दलों, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) ने गठबंधन सरकार बनाने के लिए समझौते पर दस्तख़त किए हैं।

पिछले दिनों पाकिस्तान में संपन्न हुए आम चुनावों में दोनों ही पार्टियाँ प्रमुखता के साथ उभरकर सामने आई थीं।

हालांकि दोनों में से किसी को भी स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था पर पीपीपी और पीएमएलएन, दोनों ही दल पहले और दूसरे स्थान पर रहने वाली पार्टियाँ बनकर उभरे थे।

इसके बाद से ही दोनों दलों के बीच सत्ता की बागडोर संभालने के लिए समझौते की कोशिशें चल रही थीं।

रविवार को दोनों दलों के नेताओं ने संयुक्त रूप से यह घोषणा कर दी है कि उनके बीच सरकार के गठन को लेकर एक सहमति बन गई है।

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष आसिफ़ अली ज़रदारी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) के अध्यक्ष नवाज़ शरीफ़ ने बातचीत के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा की।

संवददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि सत्ता संभालने के बाद इमरजेंसी के समय बर्ख़ास्त जजों को बहाल किया जाएगा।

दोनों नेता इस बात पर सहमत थे कि संसद का सत्र बुलाए जाने के बाद के एक महीने के अंदर बर्ख़ास्त जजों को बहाल किया जाएगा।

संयुक्त घोषणापत्र

नवाज़ शरीफ़ ने संवाददाता सम्मेलन में संयुक्त घोषणापत्र पढ़कर सुनाया। उन्होंने कहा, "पीपीपी और पीएमएल (नवाज़) लोकतांत्रिक पाकिस्तान के लिए गठबंधन बना रही हैं। 18 फरवरी के चुनाव में जनता ने भी ऐसा ही फ़ैसला दिया है।"


पाकिस्तान में लोकतांत्रिक शक्तियाँ राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के पद पर विश्वास करती हैं और उनका कोई व्यक्तिगत एजेंडा नहीं है

आसिफ़ अली ज़रदारी

दोनों नेताओं ने राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ से अपील की है कि वे बिना किसी देरी के संसद का सत्र बुलाए। समझौते के मुताबिक़ नया प्रधानमंत्री पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी का होगा।

साथ ही नेशनल असेंबली के स्पीकर और उपाध्यक्ष का पद भी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी को ही मिलेगा। समझौते के तहत पंजाब प्रांत की असेंबली में स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का पद पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) को मिलेगा।

एक सवाल के जवाब में आसिफ़ अली ज़रदारी ने कहा कि उन्हें राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के पद पर भरोसा है। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान में लोकतांत्रिक शक्तियाँ राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के पद पर विश्वास करती हैं और उनका कोई व्यक्तिगत एजेंडा नहीं है।"

शनिवार को राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ ने अपील की थी कि राजनीतिक पार्टियाँ राजनीति छोड़कर अच्छे प्रशासन पर ध्यान दें, ताकि देश में शांति और स्थिरता क़ायम की सके।

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