पाकिस्तान में फांसी की सज़ा का सामना कर रहे भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह से गुरुवार को उनके परिवार की मुलाक़ात हो सकती है।
सरबजीत से मिलने और उन्हें रिहा करवाने के उद्देश्य से उनका परिवार बुधवार को वाघा सीमा के रास्ते पाकिस्तान पहुँच गया है।
ग़ौरतलब है कि सरबजीत को लाहौर की कोट लखपत जेल में रखा गया है।
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने कुछ साल पहले सरबजीत सिंह को मौत की सज़ा सुनाई थी और एक मई को उन्हें फाँसी देने की घोषणा की गई है।
मैं अपने भाई की रिहाई के सिलसिले में पूर्व मानवाधिकार मंत्री अंसार बर्नी और सरबजीत के वकील राणा अब्दुल हामिद से भी मिलूंगी।
दलबीर कौर, सरबजीत की बहन
उनकी पत्नी सुखप्रीत कौर और दोनों बेटियों, स्वप्नदीप और पूनम ने फिर दोहराया कि सरबजीत निर्दोष हैं और वो भूलवश पाकिस्तानी सीमा में प्रवेश कर गए थे।
उनका कहना था कि बम धमाकों में उनकी कोई भूमिका नहीं थी।
ग़ौरतलब है कि 1990 में पाकिस्तान के पंजाब सूबे में हुए बम धमाकों में 14 लोग मारे गए थे।
इन धमाकों में सरबजीत की कथित भूमिका के लिए पाकिस्तान की एक अदालत ने उन्हें मौत की सज़ा सुनाई थी।
छुड़ाने की मुहिम
सरबजीत के परिवार को सात दिनों का वीज़ा दिया गया है।
उनकी बहन दलबीर कौर और उनके पति बलदेव सिंह भी परिवार के साथ गए हैं।
दलबीर कौर ने कहा,'' मैं अपने भाई की रिहाई के सिलसिले में पूर्व मानवाधिकार मंत्री अंसार बर्नी और सरबजीत के वकील राणा अब्दुल हामिद से भी मिलूंगी।''
सरबजीत की बेटियाँ
सरबजीत की बेटियों को उम्मीद है कि उनके पिता को रिहा कर दिया जाएगा
इधर पाकिस्तान का कहना है कि सरबजीत ही मंजीत सिंह हैं जिसने बम धमाकों को अंजाम दिया था।
लेकिन सरबजीत का परिवार इस दावे को शुरू से ही नकारता आया है कि वो एक जासूस हैं।
परिवार का कहना है कि वो ग़लती से पाकिस्तानी सीमा में प्रवेश कर गए थे।
वाघा सीमा पर पत्रकारों से बातचीत में सुखप्रीत ने कहा,'' मेरे पति मंजीत सिंह नहीं हैं, वो सरबजीत सिंह हैं...एक सीधा-सादा किसान हैं जो नशे की हालत में ग़लती से पाकिस्तान की सीमा में दाख़िल हो गए थे।''
ग़ौरतलब है कि सरबजीत सिंह को एक मई को फाँसी देने की घोषणा की गई है और पाकिस्तान के मानवाधिकार मामलों के पूर्व मंत्री अंसार बर्नी ने सरबजीत सिंह को बचाने की आख़िरी कोशिशों के तहत राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ के पास याचिका भेजी है।
इस याचिका में अंसार बर्नी ने अपील की है कि सरबजीत सिंह की मौत की सज़ा को आजीवन कारावास में बदल दिया जाए या उन्हें रिहा कर दिया जाए।
भारत सरकार ने भी सरबजीत की सज़ा माफ़ करने की अपील की थी और माना जा रहा है कि पाकिस्तान की नई सरकार सरबजीत मामले की समीक्षा कर सकती ।
Thursday, April 24, 2008
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