अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के अध्यक्ष मोहम्मद अल बारादेई ने चेताया है कि यदि इसराइल ईरान के ख़िलाफ़ सैन्य कार्रवाई करता है तो पूरे क्षेत्र में हिंसा और तबाही होगी और वे अपने पद से इस्तीफ़ा दे देंगे।
नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद अल बारादेई का कहना था कि ईरान के ख़िलाफ़ सैन्य कार्रवाई की परिस्थितियों में उनके लिए अपने पद पर बने रह कर काम करना असंभव हो जाएगा।
ये चेतावनी अमरीका अख़बार न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी उस ख़बर के बाद आई है जिसमें अमरीकी अधिकारीयों ने अख़बार के साथ बातचीत में संकेत दिए थे कि इसराइल ने व्यापक युद्धाभ्यास किया है जिसका मकसद ईरान के परमाणु सयंत्रों पर हमले की तैयार का अभ्यास करना हो सकता है।
अख़बार के अनुसार अमरीकी अधिकारियों का कहना था कि जून के पहले सप्ताह में इसराइल के सौ से ज़्यादा लड़ाकू विमानों ने पूर्वी भूमध्यसागर और ग्रीस के ऊपर हुए इस अभ्यास में भाग लिया।
उधर इसराइल ने इस ख़बर की पुष्टि करने या फिर उसका खंडन करने से इनकार कर दिया है।
इसराइल का केवल इतना कहना है कि उसकी सुरक्षा को ख़तरे को देखते हुए उसकी वायुसेना कई तरह के सैन्य अभियान का प्रशिक्षण करती है।
न्यूयॉर्क टाइम्स की ख़बर
अमरीकी अख़बार न्यूयॉर्क टाइम्स में छपा था कि इसराइल की वायुसेना ने एक बड़ा अभ्यास किया है, जिसका इरादा ये देखना था कि ईरान के परमाणु संयंत्रों पर कैसे हमला किया जा सकता है। इस सैनिक अभ्यास में लगभग 100 लड़ाकू विमान शामिल थे और इन विमानों ने 1500 किलोमीटर का फ़ासला तय किया। इसराइल से ईरान के नतान्ज़ स्थित परमाणु संयंत्र का फ़ासला लगभग इतना ही है।
उधर ग्रीस की वायुसेना की केंद्रीय कमान ने शुक्रवार को इस बात की पुष्टि की कि उसने इसराइल के साथ संयुक्त युद्धाभ्यास मे भाग लिया था।
अमरीका सैनिक अभ्यास पर टिप्पणी करने से बच रहा है लेकिन अमरीका इतना ज़रूर कह रहा है कि यदि इसराइल ने हमला किया तो वो 1981 की तरह का हमला होगा यानि पहले से कोई चेतावनी नहीं दी जाएगी।
ईरान ने कहा है कि इस बार अगर इसराइल ने उसके परमाणु संयंत्रों पर हमला किया तो उसका क़रारा जवाब दिया जाएगा।
फ़िलहाल ये स्पष्ट नहीं है कि वाकई इसराइल हमला कर सकता है या वो आक्रामक तेवर अपनाकर ईरान पर परमाणु कार्यक्रम रोकने के लिए दबाव बना रहा है।
नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद अल बारादेई का कहना था कि ईरान के ख़िलाफ़ सैन्य कार्रवाई की परिस्थितियों में उनके लिए अपने पद पर बने रह कर काम करना असंभव हो जाएगा।
ये चेतावनी अमरीका अख़बार न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी उस ख़बर के बाद आई है जिसमें अमरीकी अधिकारीयों ने अख़बार के साथ बातचीत में संकेत दिए थे कि इसराइल ने व्यापक युद्धाभ्यास किया है जिसका मकसद ईरान के परमाणु सयंत्रों पर हमले की तैयार का अभ्यास करना हो सकता है।
अख़बार के अनुसार अमरीकी अधिकारियों का कहना था कि जून के पहले सप्ताह में इसराइल के सौ से ज़्यादा लड़ाकू विमानों ने पूर्वी भूमध्यसागर और ग्रीस के ऊपर हुए इस अभ्यास में भाग लिया।
उधर इसराइल ने इस ख़बर की पुष्टि करने या फिर उसका खंडन करने से इनकार कर दिया है।
इसराइल का केवल इतना कहना है कि उसकी सुरक्षा को ख़तरे को देखते हुए उसकी वायुसेना कई तरह के सैन्य अभियान का प्रशिक्षण करती है।
न्यूयॉर्क टाइम्स की ख़बर
अमरीकी अख़बार न्यूयॉर्क टाइम्स में छपा था कि इसराइल की वायुसेना ने एक बड़ा अभ्यास किया है, जिसका इरादा ये देखना था कि ईरान के परमाणु संयंत्रों पर कैसे हमला किया जा सकता है। इस सैनिक अभ्यास में लगभग 100 लड़ाकू विमान शामिल थे और इन विमानों ने 1500 किलोमीटर का फ़ासला तय किया। इसराइल से ईरान के नतान्ज़ स्थित परमाणु संयंत्र का फ़ासला लगभग इतना ही है।
उधर ग्रीस की वायुसेना की केंद्रीय कमान ने शुक्रवार को इस बात की पुष्टि की कि उसने इसराइल के साथ संयुक्त युद्धाभ्यास मे भाग लिया था।
अमरीका सैनिक अभ्यास पर टिप्पणी करने से बच रहा है लेकिन अमरीका इतना ज़रूर कह रहा है कि यदि इसराइल ने हमला किया तो वो 1981 की तरह का हमला होगा यानि पहले से कोई चेतावनी नहीं दी जाएगी।
ईरान ने कहा है कि इस बार अगर इसराइल ने उसके परमाणु संयंत्रों पर हमला किया तो उसका क़रारा जवाब दिया जाएगा।
फ़िलहाल ये स्पष्ट नहीं है कि वाकई इसराइल हमला कर सकता है या वो आक्रामक तेवर अपनाकर ईरान पर परमाणु कार्यक्रम रोकने के लिए दबाव बना रहा है।
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