भारत-अमरीका परमाणु समझौते के मुद्दे पर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन और वामदलों के बीच पैदा हुए गतिरोध को ख़त्म करने के प्रयास जारी हैं। यूपीए के नेताओं की बैठकों का दौर जारी है और कई वरिष्ठ नेता यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिले हैं।
जहाँ यूपीए सरकार अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के साथ बातचीत के अंतिम चरण में भाग लेकर भारत का पक्ष रखने को उत्सुक है वहीं वामदल भारत-अमरीका असैनिक परमाणु समझौते के अपने विरोध पर अड़े हुए हैं।
वामदलों ने दोहराया है कि यदि आईएईए के साथ आगे वार्ता होती है तो वे यूपीए सरकार को बाहर से दिया जाने वाला समर्थन वापस ले लेंगे। ग़ोरतलब है कि इस मुद्दे पर बनाई गई यूपीए-वाम समनवय समिति की बैठक बुधवार यानी 25 जून को होनी है।
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) पहले ही सरकार के समर्थन वापस ले चुकी है। चाहे सरकार को इससे तत्काल कोई ख़तरा नहीं है लेकिन वामदलों की धमकी को देखते हुए यूपीए सरकार की स्थिरता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
समाजवादी पार्टी का रुख़
उधर हाल में कांग्रेस के क़रीब आई समाजवादी पार्टी ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। समाजवादी पार्टी नेता अमर सिंह ने कहा है कि वे परमाणु मुद्दे पर अपना रुख़ रातों-रात बदल नहीं सकते।
उनका कहना था कि वे संयुक्त राष्ट्रीय प्रगतिशील गठबंधन (यूएनपीए) के नेताओं और वामपंथी नेताओं से लगातार संपर्क में हैं। यूएनपीए में समाजवादी पार्टी, तेलुगू देशम पार्टी, इंडियन नेशनल लोकदल और असम गण परिषद शामिल है। कुछ अन्य दल भी पहले इस गठबंधन में शामिल थे लेकिन अब वे यूएनपीए के साथ हैं या नहीं इस पर उनका रुख़ स्पष्ट नहीं है।
अमर सिंह ने एक भारतीय टीवी चैनल को बताया, "(कांग्रेस में से) किसी ने मुझसे संपर्क नहीं किया है। हमारे समर्थन के बारे में 'काईट फ़्लाइंग' हो रही है यानी अटकलें लगाई जा रही हैं। हम यूएनपीए में हैं और यूएनपीए की अन्य साथियों से चर्चा के बिना हमारे लिए इस विषय में अकेले कोई फ़ैसला करना उचित नहीं होगा।"
सोनिया से बैठकें
राष्ट्रवादी कांग्रेस के शरद पवार, राष्ट्रीय जनता दल के लालू यादव और लोक जनशक्ति के रामविलास पासवान यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिले हैं।
राष्ट्रीय जनता दल के लालू प्रसाद यादव ने कहा है, "ये समय चुनाव का नहीं है. वाम दल और हम एक हैं....पहले महँगाई को ख़त्म करना है...ऊर्जा भी देश के लिए ज़रूरी है..."
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार ने यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव प्रकाश कारत से बातचीत के बाद कहा कि उन्हें विश्वास है कि वार्ता से इस मुद्दे का समाधान निकल आएगा।
उधर लोक जनशक्ति पार्टी के रामविलास पासवान का कहना था, "सरकार जा नहीं रही है. ऐसा कोई मुद्दा नहीं है जिसके बातचीत से हल संभव न हो।"
इससे पहले भारत-अमरीका परमाणु समझौते पर बने गतिरोध के ख़त्म करने के लिए द्रविड़ मुनेत्र कषगम यानी डीएमके के नेता एम करुणानिधि आगे आए थे। उन्होंने यूपीए नेताओं और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी महासचिव प्रकाश कारत के साथ मुलाक़ात की थी।
उधर संसद में विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सत्ता में आने की परिस्थिति में उनकी पार्टी चाहेगी कि 'भारत-अमरीका परमाणु समझौते पर दोबारा चर्चा हो। ' उनका कहना था कि वे चाहते हैं कि अमरीका से 'रणनीतिक संबंध बने रहें लेकिन भारत को अमरीका के हाइड एक्ट के दायरे से बाहर रखा जाए।'
जहाँ यूपीए सरकार अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के साथ बातचीत के अंतिम चरण में भाग लेकर भारत का पक्ष रखने को उत्सुक है वहीं वामदल भारत-अमरीका असैनिक परमाणु समझौते के अपने विरोध पर अड़े हुए हैं।
वामदलों ने दोहराया है कि यदि आईएईए के साथ आगे वार्ता होती है तो वे यूपीए सरकार को बाहर से दिया जाने वाला समर्थन वापस ले लेंगे। ग़ोरतलब है कि इस मुद्दे पर बनाई गई यूपीए-वाम समनवय समिति की बैठक बुधवार यानी 25 जून को होनी है।
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) पहले ही सरकार के समर्थन वापस ले चुकी है। चाहे सरकार को इससे तत्काल कोई ख़तरा नहीं है लेकिन वामदलों की धमकी को देखते हुए यूपीए सरकार की स्थिरता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
समाजवादी पार्टी का रुख़
उधर हाल में कांग्रेस के क़रीब आई समाजवादी पार्टी ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। समाजवादी पार्टी नेता अमर सिंह ने कहा है कि वे परमाणु मुद्दे पर अपना रुख़ रातों-रात बदल नहीं सकते।
उनका कहना था कि वे संयुक्त राष्ट्रीय प्रगतिशील गठबंधन (यूएनपीए) के नेताओं और वामपंथी नेताओं से लगातार संपर्क में हैं। यूएनपीए में समाजवादी पार्टी, तेलुगू देशम पार्टी, इंडियन नेशनल लोकदल और असम गण परिषद शामिल है। कुछ अन्य दल भी पहले इस गठबंधन में शामिल थे लेकिन अब वे यूएनपीए के साथ हैं या नहीं इस पर उनका रुख़ स्पष्ट नहीं है।
अमर सिंह ने एक भारतीय टीवी चैनल को बताया, "(कांग्रेस में से) किसी ने मुझसे संपर्क नहीं किया है। हमारे समर्थन के बारे में 'काईट फ़्लाइंग' हो रही है यानी अटकलें लगाई जा रही हैं। हम यूएनपीए में हैं और यूएनपीए की अन्य साथियों से चर्चा के बिना हमारे लिए इस विषय में अकेले कोई फ़ैसला करना उचित नहीं होगा।"
सोनिया से बैठकें
राष्ट्रवादी कांग्रेस के शरद पवार, राष्ट्रीय जनता दल के लालू यादव और लोक जनशक्ति के रामविलास पासवान यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिले हैं।
राष्ट्रीय जनता दल के लालू प्रसाद यादव ने कहा है, "ये समय चुनाव का नहीं है. वाम दल और हम एक हैं....पहले महँगाई को ख़त्म करना है...ऊर्जा भी देश के लिए ज़रूरी है..."
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार ने यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव प्रकाश कारत से बातचीत के बाद कहा कि उन्हें विश्वास है कि वार्ता से इस मुद्दे का समाधान निकल आएगा।
उधर लोक जनशक्ति पार्टी के रामविलास पासवान का कहना था, "सरकार जा नहीं रही है. ऐसा कोई मुद्दा नहीं है जिसके बातचीत से हल संभव न हो।"
इससे पहले भारत-अमरीका परमाणु समझौते पर बने गतिरोध के ख़त्म करने के लिए द्रविड़ मुनेत्र कषगम यानी डीएमके के नेता एम करुणानिधि आगे आए थे। उन्होंने यूपीए नेताओं और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी महासचिव प्रकाश कारत के साथ मुलाक़ात की थी।
उधर संसद में विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सत्ता में आने की परिस्थिति में उनकी पार्टी चाहेगी कि 'भारत-अमरीका परमाणु समझौते पर दोबारा चर्चा हो। ' उनका कहना था कि वे चाहते हैं कि अमरीका से 'रणनीतिक संबंध बने रहें लेकिन भारत को अमरीका के हाइड एक्ट के दायरे से बाहर रखा जाए।'
No comments:
Post a Comment