गूजर आंदोलनकारियों और राजस्थान सरकार के बीच आख़िरकार सोमवार को बातचीत शुरू हो रही है।राजस्थान सरकार अपने दो प्रतिनिधियों को गूजर आंदोलनकारियों से बातचीत करने के लिए बयाना भेज रही है।
ये दोनों प्रतिनिधि सोमवार को गूजर नेताओं से मुलाक़ात करेंगे।
ये बातचीत बयाना में इसलिए हो रही है क्योंकि गूजर नेताओं ने बातचीत के लिए जयपुर आने का निमंत्रण ठुकरा दिया था।
राज्य सरकार चाहती है कि अगले दौर की बातचीत जयपुर में हो। लेकिन गूजर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा कि सरकार के साथ जयपुर में होनेवाली बातचीत बयाना की बातचीत की सफलता पर निर्भर करेगी।
इससे पहले किरोड़ी सिंह बैंसला ने सरकार को बातचीत में शामिल होनेवाले 45 प्रतिनिधियों की सूची सौंपी। राज्य सरकार ने इस सूची को छोटा करने का अनुरोध किया है।
सरकार का मानना है कि ये सूची काफ़ी लंबी है और इसमें 13 लोग राजस्थान के बाहर के हैं।
दूसरी ओर किरोड़ी सिंह बैंसला का कहना है कि इनमें से कई क़ानून के जानकार हैं। हालांकि बातचीत में खुद बैंसला शामिल नहीं होंगे।
बातचीत की राजनीति
इधर विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि राजस्थान की सरकार मामले को हल करने की जगह राजनीति कर रही है।
सरकार के साथ जयपुर में होनेवाली बातचीत बयाना की बातचीत की सफलता पर निर्भर करेगी
किरोड़ी सिंह बैंसला, गूजर नेता
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के नेता अशोक गहलौत का कहना है, " सरकार इस मामले को हल करने के प्रति गंभीर नहीं है, केंद्र सरकार उन्हें पूरा समर्थन दे रही है लेकिन राजस्थान सरकार समस्या को लेकर राजनीति कर रही है।"
गूजरों ने रविवार को अजमेर ज़िले में राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया।
उधर दौसा ज़िले के सिकंदरा मोड़ पर आंदोलनकारियों के मुख्य मार्ग पर धरना देने के कारण कारण जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग और सवाई माधोपुर ज़िले में राजस्थान मध्य प्रदेश को जोड़ने वाला मार्ग अवरुद्ध है।
ग़ौरतलब है कि गूजरों को जनजाति का दर्जा दिए जाने की माँग कर रहे हैं। इस आंदोलन के दौरान 37 आंदोलनकारियों की मौत हो चुकी है।
पिछले 18 दिनों से चल रहे आंदोलन में ये पहला मौक़ा है जब सरकार और गूजरों के बीच सीधी बातचीत होगी।
'सक्षम है राज्य सरकार'गूजर आंदोलन पर घुमंतू जनजाति आयोग के प्रमुख से विशेष बातचीत... गूजरों ने क्यों रखी माँगगूजर अनुसूचित जनजाति का दर्जा क्यों पाना चाहते हैं? एक विशेष बातचीत.. गूजर आंदोलन: तस्वीरेंराजस्थान के गूजर आंदोलन की तस्वीरें किताबों से दोस्तीगूजर नेता कर्नल (रिटायर्ड) किरोड़ी बैंसला की किताबों से गाढ़ी दोस्ती है
इससे जुड़ी ख़बरेंबीस गूजरों का अंतिम संस्कार07 जून, 2008 भारत और पड़ोसबातचीत के लिए गूजरों की नई शर्त07 जून, 2008 भारत और पड़ोसगूजर बातचीत के लिए मान सकते हैं05 जून, 2008 भारत और पड़ोसगूजरों ने किया शवों का अंतिम संस्कार03 जून, 2008 भारत और पड़ोससुर्ख़ियो में तीन और ब्रितानी सैनिक मारे गए बिहार के उप मुख्यमंत्री बने रहेंगे मोदी मायावती ने मंत्री को बर्ख़ास्त किया कंबोडिया के कलाकारों ने किया रामायण का मंचन
ये दोनों प्रतिनिधि सोमवार को गूजर नेताओं से मुलाक़ात करेंगे।
ये बातचीत बयाना में इसलिए हो रही है क्योंकि गूजर नेताओं ने बातचीत के लिए जयपुर आने का निमंत्रण ठुकरा दिया था।
राज्य सरकार चाहती है कि अगले दौर की बातचीत जयपुर में हो। लेकिन गूजर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा कि सरकार के साथ जयपुर में होनेवाली बातचीत बयाना की बातचीत की सफलता पर निर्भर करेगी।
इससे पहले किरोड़ी सिंह बैंसला ने सरकार को बातचीत में शामिल होनेवाले 45 प्रतिनिधियों की सूची सौंपी। राज्य सरकार ने इस सूची को छोटा करने का अनुरोध किया है।
सरकार का मानना है कि ये सूची काफ़ी लंबी है और इसमें 13 लोग राजस्थान के बाहर के हैं।
दूसरी ओर किरोड़ी सिंह बैंसला का कहना है कि इनमें से कई क़ानून के जानकार हैं। हालांकि बातचीत में खुद बैंसला शामिल नहीं होंगे।
बातचीत की राजनीति
इधर विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि राजस्थान की सरकार मामले को हल करने की जगह राजनीति कर रही है।
सरकार के साथ जयपुर में होनेवाली बातचीत बयाना की बातचीत की सफलता पर निर्भर करेगी
किरोड़ी सिंह बैंसला, गूजर नेता
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के नेता अशोक गहलौत का कहना है, " सरकार इस मामले को हल करने के प्रति गंभीर नहीं है, केंद्र सरकार उन्हें पूरा समर्थन दे रही है लेकिन राजस्थान सरकार समस्या को लेकर राजनीति कर रही है।"
गूजरों ने रविवार को अजमेर ज़िले में राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया।
उधर दौसा ज़िले के सिकंदरा मोड़ पर आंदोलनकारियों के मुख्य मार्ग पर धरना देने के कारण कारण जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग और सवाई माधोपुर ज़िले में राजस्थान मध्य प्रदेश को जोड़ने वाला मार्ग अवरुद्ध है।
ग़ौरतलब है कि गूजरों को जनजाति का दर्जा दिए जाने की माँग कर रहे हैं। इस आंदोलन के दौरान 37 आंदोलनकारियों की मौत हो चुकी है।
पिछले 18 दिनों से चल रहे आंदोलन में ये पहला मौक़ा है जब सरकार और गूजरों के बीच सीधी बातचीत होगी।
'सक्षम है राज्य सरकार'गूजर आंदोलन पर घुमंतू जनजाति आयोग के प्रमुख से विशेष बातचीत... गूजरों ने क्यों रखी माँगगूजर अनुसूचित जनजाति का दर्जा क्यों पाना चाहते हैं? एक विशेष बातचीत.. गूजर आंदोलन: तस्वीरेंराजस्थान के गूजर आंदोलन की तस्वीरें किताबों से दोस्तीगूजर नेता कर्नल (रिटायर्ड) किरोड़ी बैंसला की किताबों से गाढ़ी दोस्ती है
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