Wednesday, July 23, 2008

यूपीए के ख़िलाफ़ अभियान की घोषणा - जुलाई 23, 2008

अमरीका के साथ परमाणु समझौते के मुद्दे पर यूपीए सरकार को विश्वासमत में हराने में विफल रहने के बाद वामपंथी, यूएनपीए और बसपा सहित 10 राजनीतिक दलों ने सरकार के ख़िलाफ़ देशव्यापी अभियान छेड़ने की घोषणा की है।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की नेता मायावती के घर पर हुई बैठक के बाद इन दलों के नेताओं ने कहा है कि केंद्र की यूपीए सरकार के ख़िलाफ़ महंगाई, किसानों की आत्महत्या, परमाणु समझौता, सांप्रदायिकता और सीबीआई जैसी संस्थाओं के दुरुपयोग जैसे मुद्दों पर अभियान छेड़ा जाएगा।
इन राजनीतिक दलों के अनौपचारिक गठबंधन को फ़िलहाल कोई नाम नहीं दिया गया है।
विश्लेषकों का कहना है कि यूएनपीए और वामपंथी नेताओं ने अपने नए साथियों के साथ बैठक करके यह साबित करने की कोशिश की है कि उनका साथ सिर्फ़ विश्वासमत का विरोध करने तक सीमित नहीं था बल्कि वे भविष्य की राजनीति में भी साथ रहने वाले हैं।

सरकार की निंदा

बैठक के बाद एक पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए बसपा नेता मायावती ने कहा, "यूपीए सरकार विश्वासमत हासिल करके अपनी पीठ ज़रुर थपथपा रही है लेकिन जिस तरह से सरकार ने जीत हासिल की है उससे लोकतंत्र की हार और हत्या हुई है।"
उन्होंने कहा कि बैठक में मौजूद सभी नेताओं ने इसकी कड़े शब्दों में निंदा की है।
उनके बाद सीपीएम के महासचिव प्रकाश कारत ने भी कहा, "सरकार ने विश्वासमत भले ही जीत लिया हो, उसने देश का विश्वास खो दिया है।"
तेलुगूदेशम पार्टी के नेता चंद्राबाबू नायडू ने भी विश्वासमत पर हुए मतदान को 'लोकतंत्र की हत्या' कहा है।
उनका कहना था, "हालांकि सरकार के ख़िलाफ़ विपक्ष का बहुमत था लेकिन ख़रीदफ़रोख़्त करके और सांसदों को धमकाकर सरकार ने विश्वासमत हासिल किया है।"
इन नेताओं ने बताया कि सभी दस दलों की एक समिति बना दी गई है जो सरकार के ख़िलाफ़ अभियान की रुपरेखा तय करेगी।
बुधवार की सुबह मायावती के दिल्ली स्थित निवास पर हुई बैठक में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के महासचिव प्रकाश कारत, सीपीएम के सीताराम येचुरी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के महासचिव एबी बर्धन, सीपीआई के डी राजा, आरएसपी के अबनी रॉय, फॉर्वर्ड ब्लॉक के जी देवराजन उपस्थित थे।
इसके अलावा वहाँ तेलुगूदेशम पार्टी के नेता चंद्राबाबू नाडयू, इंडियन नेशनल लोकदल के अजय चौटाला, झारखंड विकास मोर्चा के बाबूलाल मरांडी, राष्ट्रीय लोकदल के नेता अजित सिंह और जनता दल (सेक्यूलर) के नेता एचडी देवेगौड़ा और उनके बेटे कुमारस्वामी भी उपस्थित थे।
टीआरएस पार्टी के नेता के चंद्रशेखर राव भी इस बैठक में आए थे लेकिन वे किसी निजी कार्य से पहले चले गए।
10 राजनीतिक दलों की इस बैठक में पारित प्रस्ताव में टीआरएस का नाम नहीं है लेकिन मायावती का कहना है कि उन्हें इस बैठक के निर्णयों की जानकारी बाद में दे दी जाएगी और उनसे भी साथ आने की अपील की जाएगी।


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