भारत में ट्रक ऑपरेटरों ने अपनी बेमियादी हड़ताल ख़त्म कर दी है। गुरुवार देर रात ऑपरेटरों और केंद्र सरकार के बीच बातचीत के बाद ये फ़ैसला लिया गया।
ट्रक मालिक चुंगी में कमी, सेवा कर पर 2004 में हुए समझौते का पालन, ग़ैर ब्रांडेड डीज़ल उपलब्ध कराने और राजमार्गों पर गति सीमा की बाध्यता ख़त्म करने की माँग कर रहे थे।
अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के अध्यक्ष चरण सिंह लोहारा ने पत्रकारों से कहा, "सेवा कर पर हमारी माँग मान ली गई है। बाकी मुद्दों पर चर्चा के लिए एक समिति गठित करने पर सहमति बनी है जिसमें एआईएमटीसी के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। "
यह समिति नौ महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी और अगर ज़रूरत पड़ी तो इसकी अवधि तीन माह के लिए और बढ़ाई जा सकती है।
उधर केंद्रीय परिवहन सचिव ब्रह्म दत्त ने कहा, "चुंगी की दरें दिसंबर 2007 के पहले जितनी थी वहीं लागू होगी और सरकार से वित्तपोषित 770 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग पर अगले एक साल तक इसकी दरें नहीं बढ़ाई जाएगी। "
ट्रक मालिकों ने बुधवार से बेमियादी हड़ताल की शुरुआत की थी जिसके कारण लगभग 48 लाख ट्रक सड़कों से नदारद हो गए।
हड़ताल से ज़रुरी सामानों की ढुलाई प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही थी।
ट्रक मालिक चुंगी में कमी, सेवा कर पर 2004 में हुए समझौते का पालन, ग़ैर ब्रांडेड डीज़ल उपलब्ध कराने और राजमार्गों पर गति सीमा की बाध्यता ख़त्म करने की माँग कर रहे थे।
अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के अध्यक्ष चरण सिंह लोहारा ने पत्रकारों से कहा, "सेवा कर पर हमारी माँग मान ली गई है। बाकी मुद्दों पर चर्चा के लिए एक समिति गठित करने पर सहमति बनी है जिसमें एआईएमटीसी के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। "
यह समिति नौ महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी और अगर ज़रूरत पड़ी तो इसकी अवधि तीन माह के लिए और बढ़ाई जा सकती है।
उधर केंद्रीय परिवहन सचिव ब्रह्म दत्त ने कहा, "चुंगी की दरें दिसंबर 2007 के पहले जितनी थी वहीं लागू होगी और सरकार से वित्तपोषित 770 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग पर अगले एक साल तक इसकी दरें नहीं बढ़ाई जाएगी। "
ट्रक मालिकों ने बुधवार से बेमियादी हड़ताल की शुरुआत की थी जिसके कारण लगभग 48 लाख ट्रक सड़कों से नदारद हो गए।
हड़ताल से ज़रुरी सामानों की ढुलाई प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही थी।
No comments:
Post a Comment