Tuesday, July 8, 2008

समर्थन वापसी का फ़ैसला आज संभव - जुलाई 8, 2008

भारत में मंगलवार को वाम मोर्चे की अहम बैठक हो रही है जिसमें अमरीका के साथ परमाणु क़रार के मुद्दे पर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार से समर्थन वापस लेने का फ़ैसला किया जा सकता है।
जी-8 की बैठक में शामिल होने गए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के ताज़ा बयान से इसकी संभावना बढ़ गई है।
आईएईए में जल्द जाएंगे:मनमोहन सिंह
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि केंद्र सरकार जल्द ही परमाणु क़रार के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी यानी आईएईए के पास जाएगी।
उन्होंने ये भी कहा कि अगर इस मुद्दे पर वाम दल समर्थन वापस लेते हैं तो बहुमत साबित करने के लिए सरकार के पास पर्याप्त संसाधन हैं।
ग़ौरतलब है कि वाम दलों ने इस मुद्दे पर स्थित स्पष्ट करने के लिए सरकार को सात जुलाई यानी सोमवार शाम तक का समय दिया था।
हालाँकि सरकार की ओर से कोई स्पष्टीकरण तो नहीं आया लेकिन विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी ने एक चिट्ठी लिख कर दस जुलाई को एक और दौर की बातचीत का प्रस्ताव दिया है।
लेकिन विदेश मंत्री के इस प्रस्ताव को वाम नेताओं ने यह कह कर ख़ारिज कर दिया है कि प्रधानमंत्री के ताज़ा बयान के बाद अब कुछ भी बचा नहीं रह गया है।
इस बीच मंगलवार को ही संसद के मॉनसून सत्र की तारीख़ घोषित की जाएगी।
संभावना है कि मॉनसून सत्र 11 अगस्त से शुरु होगा। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी तत्काल संसद का विशेष सत्र बुलाने और सरकार से विश्वास मत पेश करने की माँग कर चुकी है।
वाम नेताओं का रुख़
सीपीएम के महासचिव प्रकाश कारत ने दिल्ली में पत्रकारों से कहा,'' हमें पत्र मिला है और हमारी कल (मंगलवार) बैठक है जिसमें भविष्य की रणनीति तय की जायेगी।"
आरएसपी के महासचिव टीजे चंद्रचूडन ने कहा,'' पत्र में कोई वादा नहीं किया गया है। हम इस पर मंगलवार को विचार करेंगे। ''
वामपंथी गठबंधन के घटक फ़ॉरवर्ड ब्लॉक के नेता देवव्रत विस्वास का कहना है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के जी-8 बैठक से वापसी के बाद वामपंथी दल 10 जुलाई को यूपीए सरकार से समर्थन वापस ले लेंगे।
वहीं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा ने भी प्रधानमंत्री के ताज़ा बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि अब वामदलों के पास समर्थन वापसी के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है।
उल्लेखनीय है कि वामपंथी दलों के समर्थन वापसी से सरकार अल्पमत में आ जाएगी लेकिन समाजवादी पार्टी ने इस मुद्दे पर सरकार को समर्थन देने की घोषणा कर दी है।

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