Friday, October 24, 2008

सचिन झूठे हैं: गिलक्रिस्ट - अक्टूबर 24, 2008

हिन्दी रूपांतरण
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर एडम गिलक्रिस्ट ने सिडनी टैस्ट के मामले में सचिन तेंदुलकर की ईमानदारी पर शक जाहिर किया है। गिलक्रिस्ट के इस कथन से एक बार फिर हरभजन सिंह-सायमंड्स प्रकरण को हवा मिल सकती है। गिलक्रिस्ट ने पत्रिका ‘गुडविकैंड’ में प्रकाशित अपनी आत्मकथा में लिखा कि सचिन से झूठी गवाही की उम्मीद नहीं थी।

उन्हें सत्य का साथ देना चाहिए था जैसी कि उनसे अपेक्षा की गई थी। उन्होंने इसके विपरीत हरभजन का बचाव करने के लिए झूठी गवाही दी। आईसीसी द्वारा जांच के लिए नियुक्त न्यायमूर्ति के सामने सचिन ने कहा कि हरभजन ने सायमंड्स को ‘मंकी’ नहीं कहा था बल्कि हिंदी में कुछ कहा था जो मैं सुन नहीं सका।

गिलक्रिस्ट ने लिखा कि सच तो यह है कि हरभजन दोषी थे लेकिन टीम इंडिया प्रबंधन द्वारा बार-बार स्वदेश वापसी की धमकी के कारण मामला भज्जी के पक्ष में झुक गया। गिलक्रिस्ट ने यहां तक कहा कि सचिन व हरभजन विवादों को भूला कर हमसे हाथ मिलाने की औपचारिकता भी नहीं निभाते थे।

यह बहुत ही दुखद था जिसकी हम अपेक्षा नहीं करते थे। इसके विपरीत ऑस्ट्रेलिया टीम मैदान में भले ही कठोर विपक्षी हो लेकिन मैच खत्म होने के बाद सभी खिलाड़ी गर्मजोशी से विपक्षी टीम से हाथ मिलाते हैं।

English Translation
Sydney (IANS): Former Australian vice-captain and wicket keeper Adam Gilchrist has taken a dig at Sachin Tendulkar in his autobiography "True Colours My Life", being released next week, and questioned the Indian maestro's honesty in supporting Harbhajan Singh during the controversial Sydney Test marred by an alleged racial slur.

The retired wicketkeeper in his book has written that the biggest difference between Australia and India was that his former teammates left hostilities on the field while many of their antagonists, including Tendulkar and Harbhajan Singh, often snubbed their opponents.

Gilchrist surprisingly hinted at tensions with Tendulkar, revealing he was "hard to find for a changing room handshake after we have beaten India"। He also attacks off spinner Singh, who was accused of racism, and criticised both the Indian and Australian boards for their handling of the scandal, which he said drove "a stake through the entire summer".

On the dramatic final moments of the Sydney Test when the last two batsmen, Anil Kumble and Ishant Sharma, walked off without any Australians offering a handshake, Gilchrist said: "We went into the Indian changing room and shook hands. Not all their players could be found, which points to another subtle cultural difference."

1 comment:

Sanjeev said...

इस बात को खबर बनाना नहीं सुहाया। क्रिकेट और उससे जुड़ी खबरें अब वितृष्णा पैदा करती हैं। वैसे आस्ट्रेलियन्स का रवैया जग जाहिर रहा है और वे जीतने के लिये कुछ भी कर सकते हैं। गिलक्रिस्ट की आत्मकथा इसी समय क्यों प्रकाशित हुई है?