Friday, January 16, 2009

परिसंपत्तियां गिरवी रख कर धन जुटाएगी सत्यम - जनवरी 16, 2009

हिन्दी रूपांतरण:
एचडीएफसी अध्यक्ष और सत्यम कंप्यूटर के निदेशक मंडल के सदस्य दीपक पारेख ने बृहस्पतिवार को कहा कि संकटग्रस्त आईटी कंपनी अपनी परिसंपत्तियों को गिरवी रखकर धन जुटा सकती है। इस बीच, सरकार ने सत्यम के निदेशक मंडल में तीन और निदेशकों की नियुक्ति की है।

यह पूछने पर कि क्या सरकार कंपनी को उबारने की योजना बना रही है, दीपक पारेख ने कहा कि कंपनी की कुछ परिसंपत्तियों को गिरवी रखकर वित्त जुटाया जा सकता है।

दूसरी तरफ, कंपनी मामलों के मंत्री प्रेमचंद गुप्ता ने कहा कि यदि सत्यम को पैसे की जरूरत होगी तो उसका बोर्ड बैंकों से धन जुटा सकता है। पारेख ने योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया के साथ हुई घंटे भर लंबी बैठक के बाद कहा कि सत्यम को दूसरे पक्षों से जो धन वसूल करना है वह बहुत बड़ी राशि है और अकाउंटेंट से रपट मिलने के परिसंपत्तियों को गिरवी रखा जा सकता है। अकाउंटेंट 8 से 12 हफ्तों में अपनी रपट सौंप सकते हैं।

पारेख ने कहा कि खातों का पुनरीक्षण कर रहे अकाउंटेंट जब तक कंपनी को मिलने वाली राशि की पुष्टि नहीं करते हमें इनकी सही स्थिति की जानकारी उपलब्ध नहीं होगी। हालांकि उन्होंने कहा कि यदि कंपनी के बकाया राशियां सही समय पर मिल जाएं तो वित्तीय सहायता की कोई जरूरत नहीं होगी।

पारेख ने कहा कि हम कंपनी को बचाने के लिए अपनी ओर से जो भी अच्छा किया जा सकता है, उसकी कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सत्यम ने आज अमेरिका में अपने कर्मचारियों को वेतन दिया। एचडीएफसी का सत्यम के प्रवर्तकों की कंपनियों मेटास इन्फ्रा और मेटास प्रापर्टीज में एक्सपोजर के बारे में पारेख ने कहा कि इस आवास ऋण कंपनी का उनमें कोई एक्सपोजर नहीं है।

उधर, सरकार ने गुरुवार को सत्यम के बोर्ड के आकार को बढ़ाकर दो गुना कर दिया। सरकार ने कहा कि वह आईटी कंपनी को बचाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगी जो संस्थापक रामलिंगा राजू द्वारा 7800 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता के खुलासे के बाद से संकट की स्थिति में है।

सत्यम के बोर्ड में सीआईआई के मुख्य संरक्षक तरुण दास, जाने-माने चार्टर्ड अकाउंटेंट और आईसीएआई के पूर्व अध्यक्ष टी एन मनोहरन और कंपनी के सबसे बड़े निवेशकों में से एक जीवन बीमा निगम [एलआईसी] के एस बालकृष्ण मैनाक का नाम जोड़ा गया है। बोर्ड में दीपक पारेख, किरण कार्णिक और सी अच्युतन को पहले ही नियुक्त किया गया है। बोर्ड का विस्तार इसकी दूसरी बैठक से दो दिन पहले किया जा रहा है।

सत्यम को सरकार से वित्तीय सहायता के मुद्दे पर कंपनी मामलों के मंत्री प्रेमचंद गुप्ता ने साफ किया कि केंद्र ऐसे किसी राहत पैकेज पर विचार नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि रविवार को नियुक्त नए बोर्ड ने कोई वित्तीय सहायता नहीं मांगी है। कंपनी मामलों के सचिव अनुराग गोयल ने संकटग्रस्त कंपनी को हर संभव सहायता पहुंचाने के लिए आंध्रप्रदेश सरकार से बातचीत की। गुप्ता ने कहा कि नए बोर्ड का मानना है कि सत्यम का कारोबार ठीक है और आम तौर पर बड़े ग्राहक उसके साथ बने रहने के लिए तैयार हैं।

English Translation:

HDFC chairman and government-nominated director on Satyam board Deepak Parekh on Thursday announced that the crisis-ridden IT major could raise funds by mortgaging its assets instead of looking for a bailout package.

“Financial assistance can be generated by hypothecating some of the assets of the company,” Mr. Parekh said when asked if a rescue package was under preparation. The company, he said, had large receivables and assets could be hypothecated. This could be done after obtaining the audit report from the accountants within the next eight to 12 weeks, he said.

Briefing journalists after an hour-long meeting with Planning Commission Deputy Chairman Montek Singh Ahluwalia, Mr. Parekh said: “Unless the accountants who are restating the accounts confirm the receivables, we do not know the veracity of correctness of the receivables.” Moreover, the receivables are on time, the financial assistance may not be needed, he said.

Noting that collections were coming in every day, he said: “Satyam is a running company. It is an ongoing concern. Lot of collections are planned.”

The government-appointed board of Satyam has engaged the services of international auditing firms KPMG and Deloitte to restate the company’s accounts following its founder chairman B. Ramalinga Raju’s confession of having fudged the company’s accounts. “We are trying our best to salvage the company,” Mr. Parekh said. On the issue of HDFC’s exposure in Satyam’s group companies such as Maytas Infra and Maytas Properties, he said the housing finance company had no exposure in them. Likewise, National Housing Bank chairman S. Sridhar also said the housing regulator was collecting information about exposure of housing finance companies in the Satyam group companies.

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