हिन्दी रूपांतरण:
राष्ट्रपति बनने के बाद बराक ओबामा ने कहा था कि अमरीका ईरान के साथ बेहतर संबंध चाहता है। महमूद अहमदीनेजाद का बयान इसी संदर्भ में आया है।
ईरान के खेरमेनशाह इलाक़े में भाषण देते हुए महमूद अहमदीनेजाद ने कहा, "अमरीका पिछले 60 सालों से ईरान के लोगों के ख़िलाफ़ खड़ा हुआ नज़र आता रहा है। जो लोग बदलाव की बात करते हैं उन्हें ईरानी लोगों से माफ़ी माँगनी चाहिए।"
बराक ओबामा ने एक अरब टीवी चैनल के साथ बातचीत में कहा था कि अगर ईरान अपनी बंद मुठ्ठी खोलने को तैयार हो तो अमरीका भी अपना हाथ आगे बढ़ाएगा। उन्होंने ईरान के प्रति अमरीका के नरम रवैये की संभावना पर भी चर्चा की थी।
महमूद अहमदीनेजाद ने अमरीकी रुख़ में बदलाव की संभावना का स्वागत किया है पर साथ ही कहा, "जब वो कहते हैं कि हम बदलाव लाना चाहते हैं तो बदलाव दो तरीकों से आ सकता है। या तो बुनियादी और प्रभावी तरीके के ज़रिए बदलाव आए और दूसरा तरीका ये है कि आप अपने तौर-तरीके बदलें. और अगर बदलाव से उनका मतलब दूसरे तरीके से है तो जल्द ही पता चल जाएगा।"
अगर आप बदलाव की बात करते हैं तो अमरीका को विश्व भर से अपने सैनिक हटाने होंगे। अमरीका को दूसरों के मामलों में दख़लअंदाज़ी करना बंद करना होगा। अगर कोई हमसे उसी भाषा में बात करेगा जिस भाषा में जॉर्ज बुश करते थे, भले ही वो अपने शब्द बदल लें लेकिन हमारी प्रतिक्रिया वही होगी जो पहले थी।
आठ दिन पहले बराक ओबामा के अमरीकी राष्ट्रपति बनने के बाद ईरान ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है।
संवाददाता का कहना है कि ईरान के नेता अभी ये देखेंगे कि क्या ओबामा वाकई असल बदलाव की बात कर रहे हैं और क्या बदले में वो भी कुछ तब्दीली लाने को तैयार हैं।
अहमदीनेजाद ने इसराइल का समर्थन करने के लिए भी अमरीका की आलोचना की और बराक ओबामा से कहा है कि विश्व भर में अड्डे से अमरीकी सैनिकों को हटाया जाए।
उनका कहना था, "अगर आप बदलाव की बात करते हैं तो अमरीका को विश्व भर से अपने सैनिक हटाने होंगे. अमरीका को दूसरों के मामलों में दख़लअंदाज़ी करना बंद करना होगा। अगर कोई हमसे उसी भाषा में बात करेगा जिस भाषा में जॉर्ज बुश करते थे, भले ही वो अपने शब्द बदल लें, तो भी हमारी प्रतिक्रिया वही होगी जो पहले थी।"
ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमरीका और ईरान के बीच संबंध लगातार ख़राब होते रहे हैं। अमरीका और पश्चिमी देशों का आरोप है कि ईरान परमाणु हथियार बनाने की कोशिश कर रहा है जबकि ईरान का कहना है कि वो केवल परमाणु ऊर्जा के लिए अपना कार्यक्रम चला रहा है।
English Translation:
IRANIAN President Mahmoud Ahmadinejad has adopted a hardline stance in response to diplomatic overtures from the Obama Administration, insisting yesterday that the US president needed to show a "fundamental" change in policy if he wanted to improve relations with Iran.
Reacting to President Barack Obama's call for the Iranians to "unclench their fist", Mr Ahmadinejad called for the US to apologise to the Iranian people "and try to repair their past bad acts and the crimes they committed against Iran".
"We welcome change but on condition that change is fundamental and on the right track," Mr Ahmadinejad told a rally in western Iran. "When they say 'we want to make changes', change can happen in two ways. First is a fundamental and effective change. The second is a change of tactics."
He added: "If someone wants to talk with us in the language (President) Bush used even if he uses new words, our response will be the same that we gave to Bush during the past years."
The new administration has said Mr Obama will be breaking from his predecessor by pursuing direct talks with Tehran, while threatening to increase diplomatic pressure if it refuses to accept a UN Security Council demand to halt its disputed nuclear work.
In an interview on Monday, Mr Obama promised to lay a framework for his policy towards Iran. "If countries like Iran are willing to unclench their fist, they will find an extended hand from us," he said.
Also on Monday, Washington's UN Ambassador, Susan Rice, pledged "direct" support to Tehran if it halted the nuclear programme.
The five permanent members of the UN Security Council Britain, China, France, Russia and the United States have offered Tehran economic and energy incentives in exchange for halting its uranium enrichment programme. But Tehran is insisting that its nuclear programme is peaceful.
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