सेना की मानसिक स्वास्थ्य सलाहकार टीम ने यह सर्वेक्षण किया है जिसके तहत एक तिहाई सैनिक मानते हैं कि अगर किसी सैनिक की जान बचाने कि लिए किसी को प्रताड़ित किया जाता है तो वो बिल्कुल सही है ।
इतना ही नहीं सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि अमरीकी सैनिकों के मनोबल को लेकर कई समस्याएं हैं ।
इस सर्वेक्षण में 1700 से अधिक सैनिकों और मरीन सैनिकों से प्रताड़ना और इराक़ी जनता के साथ व्यवहार से जुड़े सवाल पूछे गए थे ।
यह सर्वेक्षण पिछले साल अगस्त से अक्तूबर के बीच किए गए थे .
पेंटागन के इस सर्वे के अनुसार आधे से भी कम सैनिक यह मानते हैं कि इराक़ी जनता के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाना चाहिए ।
इतना ही नहीं एक तिहाई अमरीकी सैनिक किसी और सैनिक की जान बचाने या चरमपंथियों से जुडी जानकारी पाने के लिए प्रताडना के भी पक्ष में दिखे ।
सर्वेक्षण में शामिल दस प्रतिशत सैनिकों ने माना कि उन्होंने कभी न कभी इराक़ी जनता के साथ दुर्व्यवहार किया है ।
दुर्व्यवहार के तहत सैनिकों ने आम नागिरकों को मारा-पीटा या फिर उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया वो भी तब जबकि ऐसा करने की कोई वजह नहीं थी ।
सर्वे के अनुसार इराक़ में तैनात सैनिकों में तनाव, चिंता और मानसिक अवसाद के लक्षण स्पष्ट रुप से देखे जा सकते हैं जो कि उनके बुरे व्यवहार का कारण बनता है ।
युद्ध क्षेत्र में उन सैनिकों का व्यवहार और भी ख़राब देखा गया जिसकी यूनिट का कोई सैनिक घायल हुआ हो या फिर मारा गया हो ।
इस सर्वेक्षण के बाद सिफारिश की गई है कि इराक़ में सैनिकों की तैनाती का समय कम किया जाए क्योंकि वहां छह महीने से अधिक समय तक तैनात सैनिकों में मानसिक समस्याएं अधिक देखी गई हैं ।
हालांकि इस समय अमरीकी सरकार इराक़ में सैनिकों की संख्या में न केवल लगातार बढ़ोतरी करने मे लगी है बल्कि वहां तैनात सैनिकों का कार्यकाल भी बढ़ाया जा रहा है ताकि चरमपंथी हिंसा पर काबू किया जा सके ।
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