अकाल तख़्त के जत्थेदार जोगिंदर सिंह वेदांती ने बताया कि सिंह साहिबान की बैठक में माफ़ीनामे सहित सभी मुद्दों पर विचार किया जाएगा।
इधर इस मामले में मध्यस्थता कर रहे स्वामी अग्निवेश ने अकाल तख़्त से माफ़ीनामा स्वीकार करने की अपील की है।
दूसरी ओर पुलिस उप महानिरीक्षक ईश्वर सिंह का कहना था कि सभी डेरों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
इसके पहले रविवार को डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम सिंह ने गुरु गोविंद सिंह से माफ़ी मांग ली थी।
एक संक्षिप्त बयान में उन्होंने कहा था कि गुरु गोविंद सिंह के जैसा दिखने या उनकी नकल करने की उनकी कोई मंशा नहीं थी।
बयान में कहा गया था कि उन्होंने इस मामले पर हुई घटनाओं पर पहले ही खेद व्यक्त कर दिया था लेकिन लोगों के हित और शांति के लिए वे गुरु गोविंद सिंह से माफ़ी मांगते हैं।
विवाद
दरअसल सच्चा सौदा के प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम सिंह के कथित रूप से गुरु गोविंद सिंह जैसा लिबास पहनने को लेकर विवाद शुरू हुआ था।
पंजाब में इसके विरोध में उग्र प्रदर्शन हुए तो डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी भी सड़कों पर उतर आए। कई जगह दोनों गुटों के बीच हिंसक झड़पें हुई।
विवाद के ज़ोर पकड़ने के बाद 17 मई को तलवंडी में सिख समुदाय की एक बड़ी सभा में हुक्मनामा जारी किया गया था कि डेरा सच्चा सौदा का सामाजिक-राजनीतिक और धार्मिक बहिष्कार किया जाए।
भठिंडा में तो गुरमीत बाबा राम रहीम सिंह के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 295-ए के तहत मामला भी दर्ज किया गया है।
उन पर किसी धर्म विशेष की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे का आरोप लगाया गया है।
लेकिन 20 मई को अमृतसर में अकाल तख़्त की बैठक में माँग की गई कि 27 मई तक राज्य में डेरा सच्चा सौदा की सब शाखाएँ बंद कर दी जाएँ।
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