अमरीकी विदेश मंत्री कोंडोलीज़ा राइस का कहना है कि इस मदद का लक्ष्य उस क्षेत्र में उदारवादी ताकतों को और मज़बूत करना और अल क़ायदा, हिज़्बुल्ला, ईरान और सीरिया के प्रभाव को घटाना है।
इसराइल को अगले दस साल के दौरान 30 अरब डॉलर की हथियार और सैन्य तकनीक की मदद दी जाएगी और मिस्र को 13 अरब डॉलर की मदद देने की योजना है।
इसराइल को दी जा रही मदद, वर्तमान स्थिति में दी जा रही मदद से लगभग 25 प्रतिशत अधिक है।
सऊदी अरब को भी मदद
अमरीका सऊदी अरब और खाड़ी के अन्य देशों को एक अलग योजना के तहत मदद देने जा रहा है।
सऊदी अरब और खाड़ी के पाँच देशों को 20 अरब डॉलर की मदद दी जाएगी।
इन योजनाओं की विस्तृत जानकारी उस समय दी गई है जब अमरीकी विदेश मंत्री कोंडोलीज़ा राइस और अमरीकी रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्स मध्य पूर्व की यात्रा के लिए रवाना हो चुके हैं।
वे सऊदी अरब और मिस्र की यात्रा एक साथ करेंगे और फिर अन्य देशों में अलग-अलग जाएँगे।
कोंडोलीज़ा राइस ने एक बयान में कहा, "हम अपने सहयोगी देशों की सुरक्षा क्षमता बढ़ाने में मदद कर रहे हैं। हमारी योजना है कि सऊदी अरब और अन्य खाड़ी देशों के साथ प्रस्तावित सैन्य तकनीक पैकेज पर हम चर्चा शुरु करें। इससे खाड़ी क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम करने में मदद मिलेगी।"
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