Wednesday, August 1, 2007

संजय दत्त सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे

अभिनेता संजय दत्त को मुंबई धमाकों के मामले में 'आर्म्स एक्ट' के तहत छह साल जेल की सज़ा सुनाए जाने के बाद उनके वकील ने कहा है कि वे इसके ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे।


उनके वकील सतीश मानीशिंदे का कहना था, "हमें लगता है कि फ़ैसला बहुत सख़्त है। संजय दत्त मज़बूत इरादे वाले व्यक्ति हैं, वे हर मुसीबत से उबरे हैं। ये भी संकट का समय है। उनके लाखों प्रशंसक और परिवार के सदस्य संजय के लिए दुआ कर रहे हैं।"
उन्होंने ये भी कहा कि फ़िल्म निर्देशक और निर्माता भी संजय दत्त के साथ हैं और उन्होंने संजय से किसी फ़िल्म के लिए पैसे वापस नहीं माँगे हैं।
बतौर अभिनेता संजय दत्त पर लाखों रुपए दाँव पर लगे हुए हैं। फ़िल्म निर्देशक और संजय के दोस्त बंटी वालिया ने कहा, "जहाँ तक निर्माणाधीन फ़िल्मों की बात है, तो मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट उन्हें ज़मानत दे देगा और ज़्यादातर निर्माता उनके बाहर आने तक का इंतज़ार करेंगे।"
जब फ़ैसला आया तो अदालत के बाहर खड़े संजय दत्त के कई प्रशंसक भी उन्हें मिली सज़ा से हैरान थे।
उनके एक प्रशंसक का कहना था, "संजय अच्छे इनसान हैं,उन्हें सज़ा होनी चाहिए थी लेकिन छह साल की नहीं."
वहीं एक अन्य प्रशंसक ने अपनी निराशा कुछ यूँ जा़हिर की, "मैं मानता हूँ कि संजय दत्त से ग़लती हुई और उन्हें सज़ा होनी भी चाहिए थी। पर वे अपराधी नहीं है। छह साल की सज़ा देने की क्या ज़रूरत थी। वे पहले ही जेल में कुछ समय काट चुके हैं। एक और साल काफ़ी था।"


'एक साथ पिंक फ़्लॉयड सुनना चाहिए'

मुंबई बम धमाकों की सुनवाई के सिलसिले में जब फ़िल्म अभिनेता संजय दत्त मंगलवार को विशेष अदालत पहुँचे थे तो उन्होंने भी नहीं सोचा था कि उन्हें छह साल जेल की सज़ा होगी।
सफ़ेद कमीज़ और नीले रंग की जीन्स पहने संजय दत्त बॉलीवुड के अपने कई दोस्तों के साथ अदालत पहुँचे। वे अदालत में थोड़े घबराए हुए तो थे पर कुछ ख़ास परेशान नहीं नज़र आए।
अदालत जाने के रास्ते में जो लोग उन्हें शुभकामनाएँ दे रहे थे, उनमें से कुछ के साथ संजय दत्त ने हाथ मिलाया तो कुछ के गले भी लगे।
वहाँ जमा हुई भीड़ में संजय दत्त को जो चेहरा जाना-पहचाना नज़र आता, वो उससे बात करते।
मेरा चेहरा जब उन्होंने भीड़ में पहचाना तो मुझसे कहा, "हमें कभी एक साथ पिंक फ़्लॉयड सुनना चाहिए।"
दरअसल कुछ हफ़्ते पहले संजय दत्त मेरे समेत कई संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे और तब इस बात पर चर्चा हुई थी कि उन्हें रॉक ग्रुप को सुनना बेहद पसंद है।


संजय का अनुरोध

अदालत में जब जज पीडी कोडे ने संजय दत्त को जेल की सज़ा सुनाई तो वे सकते में आ गए।
सज़ा सुनाते हुए जज कोडे ने कहा, "देश के का़नून का आदर करना चाहिए। अगर आप क़ानूनों का आदर नहीं करते तो आपको नैतिक इनसान नहीं कहा जा सकता।"
जज ने कहा कि हांलाकि संजय दत्त को बम धमाकों से नहीं जोड़ा जा सकता लेकिन हमलावरों से हथियार ख़रीदने के लिए उन्हें जेल होनी चाहिए।
ये सुनने के बाद संजय दत्त का चेहरा लाल हो गया। सज़ा सुनते समय वे बमुश्किल अपने आँसुओं को रोक पाए।
इसके बाद संजय दत्त ने गुहार लगाई कि उन्हें अपने परिजनों से मिलने के लिए और वक़्त दिया जाए।
उन्होंने कहा, "यूअर ऑनर,मेरा अनुरोध है कि मेरे परिवार से बात करने का मुझे मौका दिया जाए। मेरी बहन गर्भवती है, मुझे लगा था कि मुझे प्रोबेशन मिल जाएगा इसलिए मैं तैयार नहीं हूँ। मुझे समय दीजिए ताकि मैं चीज़ों को समेट सकूँ।"
लेकिन जज ने संजय दत्त के इस अनुरोध को अस्वीकार करते हुए कहा कि वे ऐसा नहीं कर सकते।
फिर संजय दत्त ने जज से दरख़्वास्त की कि उनकी बेटी से बात करने की अनुमति दी जाए जो न्यूयॉर्क में पढ़ती है। जज ने संजय का ये अनुरोध मान लिया.
संजय दत्त लगातार अपने वकीलों से बात करते रहे और ऐसा लग रहा था कि वे इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि आगे क्या करना है।
उन्हें दो अगस्त तक आर्थर रोड जेल में रखा जाएगा।

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