सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम ज़मानत मिलने के तीन दिन बाद फ़िल्म अभिनेता संजय दत्त गुरुवार सुबह यरवदा से जेल से रिहा हो गए।
1993 के मुंबई धमाकों के मामले में अवैध हथियार रखने के दोषी पाए गए संयज दत्त को मुंबई की विशेष टाडा टाडा अदालत छह साल की सज़ा सुना चुकी है।
इसके ख़िलाफ़ संजय दत्त ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी जहाँ से उन्हें अंतरिम ज़मानत मिल गई।
सुप्रीम कोर्ट में ज़मानत याचिक पर सुनवाई ही नहीं हो सकी क्योंकि टाडा अदालत के फ़ैसले की प्रति नहीं मिली थी।
इसी को आधार मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने संजय दत्त और पाँच अन्य दोषियों को अंतरिम ज़मानत देने का आदेश दिया था।
इसके बाद अंतरिम ज़मानत का आदेश यरवदा जेल के अधिकारियों को मिलने में देरी हुई जिससे संजय दत्त को रिहाई के लिए तीन दिनों का इंतज़ार करना पड़ा।
शर्तें
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि उनकी यह ज़मानत टाडा अदालत के फ़ैसले की प्रति मिलने तक प्रभावी रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम ज़मानत देते हुए इन लोगों के लिए कई शर्तें भी निर्धारित की हैं।
अदालत ने कहा है कि जिस दिन फ़ैसले की प्रति मिलेगी, उस दिन संजय दत्त सहित इन सभी लोगों को आत्मसमर्पण करना होगा।
इन लोगों को सप्ताह में एक दिन मुंबई में सीबीआई के समक्ष पेश होना होगा।
मुख्य न्यायधीश केजी बालाकृष्णन की खंडपीठ ने कहा कि फ़ैसले की प्रति मिलने के बाद ये सभी लोग ज़मानत के लिए अपील कर सकते हैं जिस पर योग्यता के आधार पर फ़ैसला किया जाएगा।
Thursday, August 23, 2007
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