चिंकारा शिकार मामले में सलमान ख़ान की सज़ा बरक़रार रहने के बाद राजस्थान पुलिस की विशेष टीम उन्हें गिरफ़्तार करने मुंबई रवाना हो चुकी है.
जोधपुर सत्र न्यायालय ने शुक्रवार को अभिनेता सलमान ख़ान की अपील ठुकराते हुए उनकी पाँच साल की सज़ा को बरक़रार रखा.
जोधपुर पुलिस की एक टीम सलमान की गिरफ़्तारी के लिए मुंबई रवाना हो चुकी है.
अभियोजन पक्ष के वकील महिपाल बिश्नोई ने बताया कि फ़ैसले के समय सलमान ख़ान के अदालत में मौजूद न रहने का संज्ञान लेते हुए अदालत ने उनके ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी का वारंट जारी कर दिया.
ये वारंट मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के पास भेजा गया. जोधपुर के पुलिस अधीक्षक हवा सिंह ने बीबीसी को बताया, "वारंट हमें मिल गया है और जोधपुर पुलिस की एक टीम शनिवार सुबह मुंबई जाएगी और वहाँ की पुलिस के सहयोग से इस वारंट की तामील की जाएगी."
इस मामले में सलमान ख़ान को अग्रिम ज़मानत नहीं मिल सकती. उन्हें पहले अदालत में आत्मसमर्पण करना होगा.
मामला
जोधपुर की निचली अदालत ने पिछले साल अप्रैल में सलमान ख़ान को हिरण की दुर्लभ प्रजाति चिंकारा के शिकार का दोषी क़रार देते हुए पाँच साल की जेल और 25 हज़ार रुपए के जुर्माने की सज़ा सुनाई थी.
वारंट हमें मिल गया है और संभवत: जोधपुर पुलिस की एक टीम शनिवार सुबह मुंबई जाएगी और वहाँ की पुलिस के सहयोग से इसकी तामील की जाएगी
जोधपुर पुलिस अधीक्षक
अदालत ने जब फ़ैसला सुनाया, उस समय सलमान ख़ान अदालत में मौजूद नहीं थे. उनके वकीलों ने पहले ये तर्क दिया कि वे जोधपुर आने के लिए हवाई जहाज़ नहीं पकड़ सके लेकिन बाद में ये कहा कि सलमान बीमार हैं.
अदालत ने सलमान ख़ान को समर्पण करने का निर्देश दिया है. सलमान ख़ान के वकीलों ने अदालत से मोहलत मांगी लेकिन अदालत ने इसे अस्वीकार कर दिया. संभावना ये है कि सलमान ख़ान के ख़िलाफ़ वारंट जारी कर दिया जाएगा.
कहा जा रहा है कि सोमवार को सलमान ख़ान अदालत में समर्पण कर देंगे. सलमान ख़ान के वकीलों ने स्वीकार किया कि इस फ़ैसले से उन्हें झटका लगा है.
यह बिश्नोई समाज की जीत है. अब तो उन्हें ऊपरी अदालत से ज़मानत मिलने में भी परेशानी आ सकती है क्योंकि वे ख़ुद आज अदालत में नहीं आए
महिपाल बिश्नोई
उनके वकील दीपेश मेहता ने बताया कि वे इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ हाई कोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दायर करेंगे. वे अभी अदालत के फ़ैसले की प्रतिलिपि का इंतज़ार कर रहे हैं.
फ़ैसले का स्वागत
लेकिन बिश्नोई समाज ने इस फ़ैसले का स्वागत किया है. उनका कहना है कि शिकारियों को ये संदेश जाएगा कि जीव हत्या न करें.
फ़ैसले के बाद अभियोजन पक्ष के वकील महिपाल बिश्नोई ने कहा, "यह बिश्नोई समाज की जीत है. अब तो उन्हें ऊपरी अदालत से ज़मानत मिलने में भी परेशानी आ सकती है क्योंकि वे ख़ुद आज अदालत में नहीं आए."
उन्होंने कहा कि सलमान ख़ान के ख़िलाफ़ शिकार के तीन मामले हैं जिनमें से एक में उन्हें एक साल की सज़ा हो चुकी है और इस मामले में उन्हें पाँच साल की सज़ा हुई थी जिसे सत्र न्यायालय ने बरक़रार रखा है.
चिंकारा के शिकार का मामला 1998 का है. सलमान पर आरोप है कि उन्होंने 1998 में फ़िल्म 'हम साथ साथ हैं' की शूटिंग के दौरान चिंकारा को मारा था.
इस मामले में जोधपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने सलमान ख़ान को वन्य जीव संरक्षण क़ानून के तहत शिकार का दोषी क़रार देते हुए सज़ा सुनाई थी.
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मामला
जोधपुर की निचली अदालत ने पिछले साल अप्रैल में सलमान ख़ान को हिरण की दुर्लभ प्रजाति चिंकारा के शिकार का दोषी क़रार देते हुए पाँच साल की जेल और 25 हज़ार रुपए के जुर्माने की सज़ा सुनाई थी.
वारंट हमें मिल गया है और संभवत: जोधपुर पुलिस की एक टीम शनिवार सुबह मुंबई जाएगी और वहाँ की पुलिस के सहयोग से इसकी तामील की जाएगी
जोधपुर पुलिस अधीक्षक
अदालत ने जब फ़ैसला सुनाया, उस समय सलमान ख़ान अदालत में मौजूद नहीं थे. उनके वकीलों ने पहले ये तर्क दिया कि वे जोधपुर आने के लिए हवाई जहाज़ नहीं पकड़ सके लेकिन बाद में ये कहा कि सलमान बीमार हैं.
अदालत ने सलमान ख़ान को समर्पण करने का निर्देश दिया है. सलमान ख़ान के वकीलों ने अदालत से मोहलत मांगी लेकिन अदालत ने इसे अस्वीकार कर दिया. संभावना ये है कि सलमान ख़ान के ख़िलाफ़ वारंट जारी कर दिया जाएगा.
कहा जा रहा है कि सोमवार को सलमान ख़ान अदालत में समर्पण कर देंगे. सलमान ख़ान के वकीलों ने स्वीकार किया कि इस फ़ैसले से उन्हें झटका लगा है.
यह बिश्नोई समाज की जीत है. अब तो उन्हें ऊपरी अदालत से ज़मानत मिलने में भी परेशानी आ सकती है क्योंकि वे ख़ुद आज अदालत में नहीं आए
महिपाल बिश्नोई
उनके वकील दीपेश मेहता ने बताया कि वे इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ हाई कोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दायर करेंगे. वे अभी अदालत के फ़ैसले की प्रतिलिपि का इंतज़ार कर रहे हैं.
फ़ैसले का स्वागत
लेकिन बिश्नोई समाज ने इस फ़ैसले का स्वागत किया है. उनका कहना है कि शिकारियों को ये संदेश जाएगा कि जीव हत्या न करें.
फ़ैसले के बाद अभियोजन पक्ष के वकील महिपाल बिश्नोई ने कहा, "यह बिश्नोई समाज की जीत है. अब तो उन्हें ऊपरी अदालत से ज़मानत मिलने में भी परेशानी आ सकती है क्योंकि वे ख़ुद आज अदालत में नहीं आए."
उन्होंने कहा कि सलमान ख़ान के ख़िलाफ़ शिकार के तीन मामले हैं जिनमें से एक में उन्हें एक साल की सज़ा हो चुकी है और इस मामले में उन्हें पाँच साल की सज़ा हुई थी जिसे सत्र न्यायालय ने बरक़रार रखा है.
चिंकारा के शिकार का मामला 1998 का है. सलमान पर आरोप है कि उन्होंने 1998 में फ़िल्म 'हम साथ साथ हैं' की शूटिंग के दौरान चिंकारा को मारा था.
इस मामले में जोधपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने सलमान ख़ान को वन्य जीव संरक्षण क़ानून के तहत शिकार का दोषी क़रार देते हुए सज़ा सुनाई थी.
Saturday, August 25, 2007
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