शनिवार को हैदराबाद में दो जगहों पर हुए बम धमाकों में 42 लोग मारे गए थे और 60 से अधिक घायल हुए थे जिनमें कइयों का इलाज़ अभी भी चल रहा है।
हैदराबाद के पुलिस आयुक्त बलविंदर सिंह ने बीबीसी को बताया है कि जाँच सही दिशा में आगे बढ़ रही है।
उन्होंने बताया कि अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है।
उनका कहना था, "हम अपनी तरफ़ से पूरी कोशिश कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि जिन लोगों ने ये हरकत किया है, उन्हें हम पकड़ पाने में सफल होंगे।"
'बाहरी साजिश'
मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी का कहना है कि अभी तक मिले सबूतों से धमाकों के पीछे बांग्लादेश या पाकिस्तान के संगठनों का हाथ होने की बात सामने आती है।
पुलिस आयुक्त बलविंद सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री ने जो बयान दिया है, उसके पीछे आधार तो है ही।
उन्होंने बताया कि बरामद किए गए ज़िंदा बमों से पता चलता है कि ये नागपुर से लाए गए थे।
वो कहते हैं, "यह एक ऐसा विस्फोटक है जिसका इस्तेमाल खदानों और निर्माण कार्यों में होता है। हम तुरंत तो किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुँच सकते लेकिन इनका रासायनिक परीक्षण किया जा रहा है।"
हैदराबाद बंद
इस बीच विपक्षा पार्टी भाजपा ने सोमवार को हैदराबाद बंद का आह्वान किया है।
भाजपा ने आरोप लगाया है कि बम धमाकों के लिए केंद्र सरकार की लचर आंतरिक सुरक्षा नीति ज़िम्मेदार है।
बंद के मद्देनज़र पूरे शहर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। सुरक्षा अधिकारियों के जेहन में इसी वर्ष मक्का मस्जिद में हुए धमाके के बाद का वाकया याद है जब विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस फ़ायरिंग हुई थी और कई लोग मारे गए थे।
रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री शिवराज पाटिल ने हैदराबाद पहुँच कर स्थिति का जायज़ा लिया। उन्होंने कहा कि बम धमाकों की घटना से दुख पहुँचा है, लेकिन हम इनसे डरने वाले नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी कि इस तरह की घटनाएँ कम हों या उनको पूरी तरह से ख़त्म किया जा सके।
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