लंदन से पीआईए की उड़ान संख्या 786 से चले शरीफ़ अब इस्लामाबाद एयरपोर्ट पहुंच गए हैं जहां एयरपोर्ट को सील कर दिया गया और सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं।
देश में सार्वजनिक रैलियों पर प्रतिबंध लगा दिया है और एयरपोर्ट को चारों ओर से सुरक्षा बलों ने घेर रखा है।
इस्लामाबाद एयरपोर्ट के रास्ते में पुलिस ने अवरोध लगा दिए हैं और हर जगह पुलिसकर्मी तैनात है क्योंकि बड़ी संख्या में लोग नवाज़ शरीफ़ का स्वागत करने एयरपोर्ट जाना चाहते हैं।
बीबीसी संवाददाता शाहज़ेब ज़िलानी के अनुसार कल रात नवाज़ शरीफ़ की पार्टी मुस्लिम लीग नवाज़ के कार्यालयों पर छापे मारे गए और कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।
कहा जा रहा है कि नवाज़ शरीफ़ इस्लामाबाद पहुंचने के बाद एक बड़े जूलूस के साथ लाहौर जाना चाहते हैं लेकिन सैनिक सरकार कोशिश कर रही है ऐसा कोई जूलूस आयोजित न हो।
उधर पाकिस्तान के अख़बारों में कई तरह के बयान है जिसमें कयास लगाया गया है कि शरीफ़ की वापसी के बाद उनके साथ क्या किया जाएगा।
इस संबंध में अलग अलग संभावनाएं व्यक्त की जा रही है। सरकारी मंत्रियों के अलग अलग बयान आ रहे हैं जिसके अनुसार शरीफ़ को गिरफ्तार किया जा सकता है या फिर उन्हें किसी अन्य विमान से वापस ब्रिटेन या किसी और देश भेजा जा सकता है।
हालांकि इन सभी संभावनाओं के साथ सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को नज़रअंदाज़ नही करना चाहिए जिसके तहत नवाज़ शरीफ़ को वापस आने की अनुमति दी गई है।
नवाज़ की रवानगी
नवाज़ शरीफ़ रविवार की देर रात पीआईए के विमान से लंदन से इस्लामाबाद रवाना हुए हैं लेकिन उनके भाई शाहबाज़ शरीफ़ साथ नहीं गए हैं।
नवाज़ शरीफ़ ने लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यदि उन्हें गिरफ़्तार किया गया तो यह देश के स्वतंत्रता के लिए छोटी सी कीमत होगी।
दूसरी ओर शाहबाज़ शरीफ़ ने बताया है कि नवाज़ शरीफ़ ने उन्हें अभी पाकिस्तान जाने से मना किया है।
बातचीत में शाहबाज़ शरीफ़ ने कहा कि वे तो पाकिस्तान जाना चाहते थे लेकिन उनके बड़े भाई नवाज़ शरीफ़ ने मना कर दिया।
उन्होंने कहा, " मैंने बड़ी कोशिश की लेकिन उनका हुक्म है। और वो नहीं मान रहे। मैं इससे मायूस हूँ। लेकिन मेरे लीडर ने मुझे सख़्ती से रोका है। मैं क्या कर सकता हूँ।"
लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि वे बहुत जल्दी ही पाकिस्तान जाएँगे।
उनका कहना था कि ये अहम मौक़ा है, इतने सालों बाद अपने वतन के विमान में बैठ रहा हूँ।
ग़ौरतलब है कि कुछ दिन पहले पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें स्वदेश लौटने की अनुमति दे दी थी। 1999 में नवाज़ शरीफ़ का तख़्ता पलट दिया गया था और अगले साल उन्हें पाकिस्तान से निर्वासित कर दिया गया था।
नवाज़ शरीफ़ की वापसी ऐसे समय में हो रही है जब पाकिस्तान में राष्ट्रपति मुशर्रफ़ के लिए स्थितियां बेहतर नहीं हैं।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश इफ्तिख़ार चौधरी को बर्खास्त करने के मामले में लोगों का ज़बर्दस्त विरोध झेलना पड़ा। बाद में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के तहत न्यायाधीश को फिर बहाल कर दिया गया।
अब सुप्रीम कोर्ट ने नवाज़ शरीफ़ की वापसी की अनुमति दी है और आने वाले दिनों में पाकिस्तान पीपुल्स लीग की नेता बेनज़ीर भुट्टो भी वापस आने की कोशिश में है।
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