Tuesday, September 11, 2007

'इराक़ में सैनिकों की बढ़ोतरी कारगर'

इराक़ में अमरीकी सेना के शीर्ष कमांडर जनरल डेविड पेट्रास का कहना है कि इराक़ में सैनिकों की संख्या बढ़ाने के सभी उद्देश्य ' काफी हद तक ' पूरे हो गए हैं और ऐसे में जल्दी सेनाएं वापस बुलाना सही नहीं होगा।

अमरीकी कांग्रेस के समक्ष बयान देते हुए पेट्रास ने कहा कि इराक़ में फरवरी के बाद तेज़ हुई हिंसा में अब कमी आई है।

जनरल पेट्रास और इराक़ में अमरीकी राजदूत रेयान क्राकर दोनों ही कांग्रेस की एक समिति के समक्ष बयान दे रहे हैं।

इस सुनवाई को राष्ट्रपति जॉर्ज बुश की इराक़ नीति के मद्देनज़र अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

कांग्रेस की विदेश मामलों की समिति और सशस्त्र सेना समिति के समक्ष बयान देते हुए पेट्रास ने कहा कि फ़रवरी के बाद हिंसा बढ़ी। इस पर नियंत्रण के लिए सैनिकों की संख्या बढ़ाई गई और इसके कारण हमले और जातीय हिंसा में कमी आई है।

उन्होंने ये भी कहा कि 2008 के मध्य तक तीस हज़ार के क़रीब अमरीकी सैनिक वापस बुलाए जा सकते हैं जिसमें से 200 हज़ार सितंबर में वापस हो सकते हैं।

पेट्रास ने माना कि इराक़ में सुरक्षा स्थिति अत्यंत कठिन है।

पेट्रास के बाद बयान देते हुए रॉकर ने कहा कि इस तथ्य पर भरोसा किया जा सकता है कि अमरीका इराक़ में निर्धारित अपने लक्ष्य पूरे कर लेगा।

इराक़ में हिंसा

उधर इराक़ में ताज़ा हिंसा में कम से कम आठ अमरीकी सैनिक मारे गए हैं।

पश्चिमी बग़दाद के समारा में अमरीकी सैनिकों ने अल क़ायदा के 12 लड़ाकों को मारने और तीन को बंदी बनाने का भी दावा किया है।

अमरीकी सैनिकों की मौत ऐसे समय में हुई है जब इराक़ के प्रधानमंत्री नूरी अल मलिकी ने संसद में कहा है कि अमरीकी सेना की मदद के बिना इराक़ी सेना इराक़ में शांति व्यवस्था कायम नहीं कर सकती है।

पेट्रास के बयान से घंटो पहले संसद को संबोधित करते हुए मलिकी ने भी कहा कि अमरीकी सेनाओं की बढ़ोतरी से बग़दाद के आसपास के इलाक़े में हिंसा मॆं कमी आई है।

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