इस विरोध प्रदर्शन में भाजपा और शिवसेना जैसे राजनीतिक दल भी शामिल हैं।
चक्का जाम के चलते राजधानी दिल्ली सहित देश के कई शहरों में सड़क यातायात रुक गया है और कई जगह रेल यातायात भी प्रभावित हुआ है।
टेलीविज़न चैनलों पर जगह-जगह से विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें दिखाई जा रही हैं।
हिंदू संगठनों ने इस परियोजना के विरोध में तीन घंटों के चक्का जाम का आव्हान किया है। चक्का जाम 11 बजे तक चलना है।
हिंदू संगठन माँग कर रहे हैं कि श्रीलंका और भारत के बीच 'सेतु' को न तोड़ा जाए क्योंकि इससे उनकी धार्मिक भावनाएँ आहत होती है।
विरोध प्रदर्शन
इस परियोजना का विरोध कर रहे हिंदू संगठनों ने दिल्ली में कई अहम रास्तों पर यातायात रोक रखा है और हज़ारों वाहन फँसे हुए हैं।
दिल्ली-आगरा मार्ग पर रेल यातायात को रोका गया है।
जयपुर-आगरा राजमार्ग और पाली-जोधपुर राजमार्ग पर बजरंग दल और विश्वहिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने चक्का जाम कर दिया है।
वहीं जयपुर स्टेशन पर जाकर कार्यकर्ताओं ने ट्रेनों को रोकने का प्रयास किया है।
भोपाल शहर में भी 11 बजे तक बंद का आव्हान किया है, वहीं इंदौर से भी विरोध प्रदर्शन की ख़बरें हैं।
विरोध
उल्लेखनीय है कि श्रीलंका और भारत के बीच समुद्र में शैवल की उथली पट्टी पाई गई है।
हिंदू संगठनों का दावा है कि यह रामसेतु है जिसका ज़िक्र हिंदू धार्मिक ग्रंथ रामायण में किया गया है और इसका निर्माण स्वयं भगवान राम ने किया था।
भारत सरकार यहाँ सेतु समुद्रम के नाम से एक परियोजना पर काम कर रही है। इसका मक़सद भारत के पश्चिमी तट से पूर्वी तट के बीच जहाजों की आवाजाही सुगम बनाना है।
इसके बन जाने के बाद जहाज को पूरे श्रीलंका का चक्कर नहीं लगाना होगा।
इस परियोजना की कुल लागत दो हज़ार 87 करोड़ रुपए है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी की एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने इस 'सेतु' को तोड़ने पर 14 सितंबर तक के लिए रोक लगा दी है।
हालाँकि अदालत ने सेतुसमुद्रम परियोजना के लिए समुद्र की तलहटी की सफाई का काम जारी रखने को मंज़ूरी दी है, बशर्ते कि इससे कथित रामसेतु को कोई नुकसान नहीं पहुँचे।
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