रिक्टर स्केल पर 8.4 की तीव्रता वाले भूकंप के कोई 12 घंटे बाद भूकंप का यह झटका लगा है।
बुधवार को आए भूकंप में कई इमारतें नष्ट हो गई, संचार और बिजली व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गई और कम से कम नौ जानें गईं थीं।
इसके बाद सूनामी की चेतावनी जारी की गई थी लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया गया था।
सूनामी की चेतावनी जारी करने वाले देशों में इंडोनेशिया, भारत, मलेशिया और श्रीलंका शामिल थे।
अब भारत और मलेशिया ने भी कहा है कि सूनामी की आशंका नहीं है लेकिन स्थिति पर नज़र रखी जा रही है।
भूकंप
बुधवार को आया भूकंप इतना शक्तिशाली था कि उससे सैकड़ों किलोमीटर दूर राजधानी जकार्ता में भी इमारतें हिल गईं।
जकार्ता में ि दिसंबर 2004 में आए भूकंप के बाद यह सबसे ताक़तवर भूकंप था।
ग़ौरतलब है कि उसी भूकंप के बाद समुद्र में हलचल मच गई थी और अनेक देशों में सूनामी से मची भारी तबाही में लाखों लोगों की जान गई थी।
सिंगापुर और थाईलैंड में भी कुछ लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए गए।
भूकंप का सबसे ज़्यादा असर बेंकुलु और पडांग शहरों में हुआ है जहाँ कोई 20 लाख लोग रहते हैं।
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