उनका नामांकन प्रधानमंत्री शौकत अज़ीज़ ने दाखिल किया है।
राष्ट्रपति का चुनाव छह अक्तूबर को होने हैं।
उधर पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को यह फ़ैसला सुनाने जा रहा है कि परवेज़ मुशर्रफ़ सेनाध्यक्ष रहते हुए राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ सकते हैं या नहीं।
वैसे परवेज़ मुशर्रफ़ ने यह घोषणा कर दी है कि राष्ट्रपति चुने जाने के बाद वे सेनाध्यक्ष का पद छोड़ देंगे।
इस्लामाबाद में बहुत संभावना है कि सुप्रीम कोर्ट परवेज़ मुशर्रफ़ को चुनाव लड़ने से न रोके।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति मुशर्रफ़ के ख़िलाफ पिछले कुछ दिनों में लगातार विरोध प्रदर्शन हुए हैं और आसार हैं कि कल भी प्रदर्शन हो सकते हैं।
सत्तारूढ़ पार्टी मुस्लिम लीग(क्यू) के महासचिव मुसाहिद हुसैन के अनुसार राष्ट्रपति मुशर्रफ़ का फिर से राष्ट्रपति चुना जाना कठिन नहीं होगा।
राष्ट्रपति के पर्चा भरने के कार्यक्रम के मद्देनज़र राजधानी इस्लामाबाद में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं। हालांकि जनरल मुशर्रफ़ ख़ुद नामांकन दाखिल करने नहीं गए।
इस्लामाबाद को दूसरे शहरों से आने वाली तीनों सड़कों को सील करने के आदेश दे दिए गए थे।
जनरल मुशर्रफ़ के ख़िलाफ़ मैदान में वकीलों की ओर से सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस वजीउद्दीन और बेनज़ीर भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी से अमीन फ़हीम को मैदान में उतारने की घोषणा की गई है।
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