Friday, September 28, 2007

बर्मा सरकार की अंतरराष्ट्रीय आलोचना

बर्मा में सैनिक सरकार का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ी निंदा हुई है और अमरीकी राष्ट्रपति बुश ने सैन्य सरकार से बल प्रयोग बंद करने की अपील की है।

गुरुवार को रंगून में प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ बल प्रयोग में नौ लोगों की मौत हो गई थी।

मारे गए लोगों में जापान का एक फ़ोटोग्राफ़र भी शामिल है।

अमरीकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने कहा है कि पूरी दुनिया को बर्मा की सैन्य सरकार पर इस बात के लिए दबाव बनाना चाहिए कि वो प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ बल प्रयोग न करें।

बर्मा के प्रमुख सहयोगी चीन के विदेश मंत्री यांग जिची के साथ व्हाइट हाउस में एक बैठक के दौरान बुश ने चीन से अपील की कि वो अपने प्रभाव का इस्तेमाल करे और सैन्य सरकार पर हिंसा बंद करने के लिए दबाव बनाए।

अमरीका ने पहले ही बर्मा पर आर्थिक प्रतिबंध लगा रखे हैं और ताज़ा घटनाओं के बाद नए सिरे से फिर प्रतिबंध लगाए गए हैं।

उधर दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन आसियान के विदेश मंत्रियों की न्यूयॉर्क में बैठक हो रही है जिसमें सभी विदेश मंत्रियों ने बर्मा के विदेश मंत्रि से सीधे सीधे हिंसा के विषय पर अपनी नाराज़गी जताई और उनसे संयम बरतने की अपील की।

आसियान विदेश मंत्रियों ने बर्मा में गिरफ़्तार राजनेता आंग सान सू की के साथ साथ अन्य राजनीतिक क़ैदियों की रिहाई की भी मांग की।

इस बीच बर्मा के सैन्य शासकों ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत इब्राहिम गामबारी बर्मा पहुंच चुके हैं और वो अब रंगून जा रहे हैं।

हिंसा और प्रदर्शन

बर्मा में पिछले दस दिन से विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं और सरकार ने प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ कड़ी कार्रवाई की है।

बर्मा के सरकारी टेलीविज़न की ख़बरों के अनुसार यह बल प्रयोग रंगून शहर में हुआ और मारे गए लोगों में आठ प्रदर्शनकारी और एक पत्रकार बताया गया है।

जापान की एपीएफ़ समाचार एजेंसी ने पुष्टि की है कि मारा गया जापानी व्यक्ति एक वीडियो पत्रकार था।

इस बल प्रयोग में 11 प्रदर्शनकारी और 31 सैनिक घायल भी हुए हैं।

यह बल प्रयोग प्रदर्शन के दसवें दिन किया गया है। इससे पहले गुरूवार को ही प्रदर्शनकारियों पर पुलिस फ़ायरिंग हुई थी और बौद्ध मठों पर छापेमारी में लगभग दो सौ बौद्ध भिक्षुओं को गिरफ़्तार किया गया था।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक गुरुवार को एक बार फिर राजधानी रंगून के बीचोबीच हज़ारों प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए साथ ही सेना और पुलिस के जवान भी भारी संख्या में तैनात हैं।

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