Tuesday, December 18, 2007

फ़लस्तीनी प्रशासन को उम्मीद से ज़्यादा मदद

पेरिस में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में दानदाताओं ने फ़लस्तीन राष्ट्र के गठन के लिए 290 अरब रूपए से ज़्यादा की सहायता देने की पेशकश की है।

फ़लस्तीन को 68 देशों और संगठनों की ओर से मिल रही यह 7।4 अरब अमरीकी डॉलर की राशि उनकी ओर से राष्ट्र के गठन के लिए की गई अपील से कहीं अधिक है।

फ़लस्तीनी प्रतिनिधिमंडल ने तीन साल की एक 5।6 अरब डॉलर की परियोजना का प्रस्ताव रखा था ताकि फ़लस्तीनी प्रशासन को बरबादी से बचाया जा सके।

इस घोषणा से पहले फ़लस्तीनी प्रधानमंत्री सलाम फ़याद ने कहा कि उन्हें इतनी ज़्यादा रक़म मिलने की कोई उम्मीद नहीं थी।

फ्रांस की राजधानी पेरिस में इस सिलसिले में अंतरराष्ट्रीय दानदाताओं का एक सम्मेलन आयोजित किया गया था जहाँ दानदाताओं ने सोमवार को अपनी-अपनी मदद का वादा किया।

फ्रांस के विदेशमंत्री बर्नर्ड कुशनैर ने इस सम्मेलन में फ़लस्तीनी प्रशासन के लिए दी जाने वाली राशि की जानकारी सार्वजनिक करते हुए बताया कि दानदाताओं ने 7।6 अरब अमरीकी डॉलर देने का वादा किया है।

सहायता की ज़रूरत

अमरीकी विदेशमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चेताया था कि उनकी ओर से मदद ही फ़लस्तीनी प्रशासन को बरबाद होने से बचा सकती थी।

फ़लस्तीन राष्ट्र के गठन के लिए मदद की यह पेशकश ऐसे समय में आई है जब मध्य-पूर्व क्षेत्र में जारी अस्थिरता और संकट को ख़त्म करने के लिए बातचीत का सिलसिला एकबार फिर शुरू हुआ है।

हालांकि बीबीसी संवाददाता के मुताबिक इस बात को लेकर उनके मन में संदेह ही है कि इस मदद से उनके रोज़मर्रा के जीवन स्तर में कुछ सुधार आएगा।

कई लोगों का मानना है कि पैसे की कमी असली समस्या नहीं है बल्कि लोगों और संसाधनों के आवागमन पर लगी रोक और इसराइल का कब्ज़ा असली समस्या हैं।

हालांकि इतनी बड़ी घोषणा के बावजूद ग़ज़ा पट्टी में रहने वाले फ़लस्तीनियों के बीच कोई उत्साह नहीं है।
वहाँ हमास पार्टी का शासन है और उसके समर्थकों का मानना है कि पेरिस में इकट्ठा हुई रक़म का ज़्यादातर हिस्सा पश्चिमी तट में लगेगा जहाँ महमूद अब्बास की फ़तह पार्टी का शासन है।

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