पाकिस्तान के चुनाव आयोग की आज एक महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो की मौत के बाद चुनावों के भविष्य का फ़ैसला किया जाना है।
वैसे चुनावों की तय तारीख़ आठ जनवरी है लेकिन आत्मघाती हमले में बेनज़ीर की मौत के बाद चुनावों को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
हालांकि बेनज़ीर की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने चुनावों में हिस्सा लेने का ऐलान कर दिया है।
दूसरी तरफ़ बदले हुए हालात में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग ( नवाज़) ने भी चुनावों में हिस्सा लेने की बात कही है।
अब तक पीएमएल चुनावों का बहिष्कार कर रहा था। रविवार को बीबीसी के साथ एक बातचीत में पार्टी के प्रवक्ता सिद्दीक उल फ़ारुक ने कहा कि उनकी पार्टी चुनावों में हिस्सा लेने के लिए पूरी तरह तैयार है।
इसके अलावा राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ के समर्थन वाली पाकिस्तान मुस्लिम लीग ( क्यू) ने पहले से ही चुनावों को तय समय पर करवाने की हिमायत करता आ रहा है।
इस्लामाबाद से बीबीसी संवाददाता शाहज़ेब जिलानी का कहना है कि जब तीन बड़ी पार्टियां चुनावों में हिस्सा लेने के लिए तैयार हैं तो फिर ऐसे में चुनाव आयोग के समक्ष चुनावों का टालने का कोई बड़ा कारण नहीं दिखता है।
हालांकि पर्यवेक्षकों का कहना है कि जिस तरह से बेनज़ीर की दिन दहाड़े हत्या की गई है उससे पाकिस्तान के अन्य नेताओं की सुरक्षा को लेकर बड़े सवाल उठ खड़े हुए हैं।
इस बात पर भी बहस हो रही है कि असुरक्षित माहौल में चुनावों को कैसे अंजाम दिया जाएगा।
चुनाव आयोग अपनी बैठक में इन्हीं सब विषयों पर चर्चा करके अपना फ़ैसला सुना सकता है।
Monday, December 31, 2007
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