Monday, May 12, 2008

जजों की बहाली का मसला नहीं सुलझा

पाकिस्तान के नेताओं के बीच जजों की बहाली पर कोई सहमति नहीं हो पाई है।

पार्टी नेताओं का कहना है कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और मुस्लिम लीग (नवाज़) के नेताओं की लंदन में हुई बातचीत में कोई समझौता नहीं हो पाया।

ग़ौरतलब है कि दुबई में पीपीपी नेता आसिफ़ अली ज़रदारी और नवाज़ शरीफ़ के बीच हुई बातचीत में जजों की बहाली के लिए सोमवार की समयसीमा निर्धारित की गई थी।

जानकारों का कहना है कि इस मुद्दे के न सुलझने से गठबंधन सरकार पर संकट आ सकता है।


हमारी कोशिश होगी कि गठबंधन न टूटे, इसके नुक़सान से हम वाकिफ़ हैं लेकिन जजों को बहाल न करने से होनेवाला नुक़सान कहीं ज्यादा बड़ा है।

नवाज़ शरीफ़

पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) के नेताओं का कहना है कि पार्ची ने सोमवार को बैठक हो बुलाई ही है जिसमें गठबंधन में बने रहने के बारे में फ़ैसला किया जाएगा।

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की सहयोगी मुस्लिम लीग (नवाज़) के प्रमुख नवाज़ शरीफ जजों की बहाली पर अड़े हुए हैं।

नवाज़ शरीफ़ ने बीबीसी से बातचीत में कहा,'' हमारी कोशिश होगी कि गठबंधन न टूटे, इसके नुक़सान से हम वाकिफ़ हैं लेकिन जजों को बहाल न करने से होनेवाला नुक़सान कहीं ज्यादा बड़ा है।''

उनका कहना था,'' पूरी कौम की निगाहें हमारे ऊपर लगीं हैं और ये हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम उनकी उम्मीदों को पूरा करे।''

सहमति


इफ़्तिख़ार मोहम्मद चौधरी
मुख्य न्यायाधीश इफ़्तिख़ार चौधरी भी हटा दिए गए थे

नवाज़ शरीफ़ का कहना था कि यदि हम बाक़ी मुद्दों पर तो आगे बढ़ते हैं और इसको छोड़ देते हैं तो जनता में एक बैचेनी रहेगी।

ग़ौरतलब है कि पाकिस्तान में गठबंधन सरकार के गठन के दौरान तय हुआ था कि राष्ट्रपति मुशर्रफ़ ने जिन जजों को बर्ख़ास्त किया था, उनको अप्रैल के अंत तक बहाल कर दिया जाएगा।

इसके बाद दुबई में आसिफ़ ज़रदारी और नवाज़ शरीफ़ के बीत इसको लेकर फिर बातचीत हुई थी और 12 मई तक जजों की बहाली पर सहमति हुई थी।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति मुशर्रफ़ ने नवंबर, 2007 में लगभग 60 जजों को निलंबित कर दिया था। इसमें मुख्य न्यायाधीश इफ़्तिख़ार चौधरी भी शामिल

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