Friday, July 11, 2008

बहुमत साबित करने की कवायद तेज़ - जुलाई 11, 2008

भारत में सत्तरूढ़ यूपीए और कांग्रेस कार्यसमिति की शुक्रवार को अहम बैठक हो रही है। माना जा रहा है कि इसमें सरकार बचाने के उपायों पर चर्चा होगी।
ग़ौरतलब है कि अमरीका के साथ असैनिक परमाणु समझौते के मुद्दे पर वामपंथी दलों ने यूपीए सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। हालाँकि समाजवादी पार्टी ने इस मुद्दे पर सरकार को समर्थन देने की घोषणा की है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राष्ट्रपति से भेंट करने के बाद कहा है कि उनकी सरकार जल्द से जल्द संसद में विश्वास मत प्रस्ताव पेश करेगी।
लेकिन वाम मोर्चे के 59 सांसदों का समर्थन खोने के बाद यूपीए के पास सिर्फ़ 224 सांसद हैं और सपा के पूरे 39 सांसदों को मिलाकर भी यह संख्या बहुमत के लिए ज़रुरी 272 के जादुई आँकड़े से कुछ कम रह जाती है।
ऐसे में यूपीए बहुमत जुटाने के लिए दूसरे छोटे-छोटे दलों के संपर्क में है।

बैठक

गुरुवार को कांग्रेस कोर समूह की डेढ़ घंटे लंबी चली बैठक में यह फ़ैसला किया गया कि शुक्रवार को यूपीए के सभी घटक दलों की साझा बैठक होगी।
इसमें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी, मानव संसाधन मंत्री अर्जुन सिंह, रक्षा मंत्री एके एंटनी और शिवराज पाटिल सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया। कांग्रेस के महासचिव अहमद पटेल ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, "जितना जल्दी संभव हो हम संसद का सत्र बुलाएंगे।"
सैनिक परमाणु ठिकानों की निगरानी से जुड़े समझौते का मसौदा अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) को सौंपने के बाद यूपीए सरकार पर बहुमत साबित करने का दबाव बढता ही जा रहा है।

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