हिन्दी रूपान्तर
सिटीग्रुप पर संकट से निपटने के लिए नौकरियों में कटौती कर रहा है अमरीका सरकार ने अमरीका के सबसे बड़े बैंकों और वित्तीय सेवा देनेवाली कंपनियों में से एक सिटीग्रुप को वित्तीय संकट से उबारने के लिए एक योजना घोषणा की है।
इस योजना के तहत अमरीकी सरकार कंपनी में भागीदारी के बदले जोखिम भरे ऋण के लिए 306 अरब डॉलर की गारंटी देगी।
पिछले सप्ताह सिटीग्रुप के शेयरों में 60 फ़ीसदी की गिरावट आई थी। निवेशक बैंक की गृह ऋण वसूली और ख़राब वित्तीय हालात को लेकर चिंतित हैं।
सिटीग्रुप अमरीका का बड़ा ग्रुप है और ये दुनिया के 100 देशों में सक्रिय है। दरअसल सिटीग्रुप पर वित्तीय संकट की ज़बरदस्त मार पड़ी है।
हाल में बैंक ने 52 हज़ार और नौकरियों में कटौती करने की घोषणा की थी। इसके पहले बैंक ने 23 हज़ार नौकरियों में कटौती की घोषणा की थी।
इस तरह सिटीग्रुप कुल 75 हज़ार लोगों को नौकरी से हटा रहा है जो उसके कुल कर्मचारियों की संख्या का 20 प्रतिशत है।
कर्मचारियों की छँटनी के अलावा सिटीग्रुप अपनी कई कार्यालयों को भी बंद करके बचत कर रहा है। संकट की मार अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट के कारण सिटीग्रुप को पिछले साल 20 अरब डॉलर का नुक़सान हुआ था।
सिटीग्रुप का गठन 10 साल पहले अमरीकी बैंकों के एक बड़े विलय के ज़रिए हुआ था। इसके बाद दो-हज़ार के दशक में इसने तेज़ी से पाँव पसारना शुरु किया और देखते-ही-देखते क़रीब 100 देशों में सिटीग्रुप के बैंक और कार्यालय खुल गए।
विश्लेषकों का कहना है कि सिटीग्रुप ने अपनी क्षमता से कहीं ज़्यादा विस्तार कर लिया था। जब दुनिया वित्तीय संकट की चपेट में आ गई तो सिटीग्रुप के लिए अपने बल पर बाज़ार में खड़ा रह पाना असंभव लगने लगा।
दरअसल साल भर में ही इसके शेयरों के दाम में लगभग 80 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है। दुनिया भर में पौन-चार लाख लोगों को नौकरियों पर रखने वाले इस वित्तीय समूह ने इसके बाद कर्मचारियों की छँटनी की घोषणा की।
लेकिन इसके बाद भी विश्लेषक यही मान रहे हैं कि सिटीग्रुप के वर्ष 2010 से पहले मुनाफ़े में आने की संभावना नहीं है।
English Translation
The US government has moved to guarantee USD 300 bilion in troubled Citi’s assets. It will inject an additional USD 20 billion in Citigroup.
The US government statement said, "The US Treasury and the FDIC will provide protection against the possibility of unusually large losses on an asset pool of nearly USD 306 billion of loans and securities backed by residential and commercial real estate and other such assets, which will remain on Citigroup's balance sheet."
The statement added, "As a fee for this arrangement, Citigroup will issue preferred shares to the US Treasury and FDIC.
In addition and if necessary, the US Federal Reserve stands ready to backstop residual risk in the asset pool through a non-recourse loan. In addition, Treasury will invest USD 20 billion in Citigroup from the Troubled Asset Relief Program (TARP) in exchange for preferred stock with an 8% dividend to the Treasury.
Citigroup will comply with enhanced executive compensation restrictions and implement the FDIC's mortgage modification programme."
In exchange, Citi may issue preferred stock to the US government. While the amount to be covered under the plan is under discussion, the talks are focussed on about USD 100–200 billion worth assets.
Citigroup lost 60% of its market value last week as investor confidence in the New York-based company's prospects faltered after four consecutive quarterly losses.
Bill Smith, President and Senior Portfolio Manager at Sam Advisors had stated, ”We would prefer a takeover.
We would prefer someone like a Goldman Sachs or anyone of the other major banks that have a great management team in place, and we would like something like that to happen.
That way, you can stabilise the situation at Citigroup. It would give them time to get through the credit crisis and then maybe six months–a year down the road they can start divesting the operation.”
Smith added, “There are three problems with Citigroup right now––first, you have a Board of There is absolutely no chance they file for bankruptcy, but the situation from confidence level is dire.”
Monday, November 24, 2008
सिटीग्रुप को संकट से उबारने की कोशिश - नवम्बर 24, 2008
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment