Wednesday, December 10, 2008

उछाल मेरी गेंदबाजी की ताकत-ईशांत - दिसम्बर 10, 2008

हिन्दी रूपांतरण
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग सहित कई दिग्गज बल्लेबाजों को थर्राने वाले भारत के युवा तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा ने कहा है कि गेंद को उछाल देना ही उनकी सबसे बड़ी ताकत है।

भारत के सबसे तेज गेंदबाज बन चुके ईशांत ने यहाँ कहा पिच चाहे सपाट हो या अलग तरह की, मैं अपनी लंबाई के कारण काफी उछाल निकाल सकता हूँ। यही वजह है कि बल्लेबाजों को मैं अपनी गेंदों की उछाल से परेशान करने में सफल रहा हूँ।

देश में पहली बार शुरू होने वाले टेन-10 क्रिकेट के ब्रांड एंबेसेडर बने ईशांत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में 152.6 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंककर देश के सबसे तेज गेंदबाज बने थे।

इसी सिरीज के दौरान पर्थ में उन्होंने जिस अंदाज में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पोंटिंग को फँसाकर आउट किया था, उससे वे पूरी दुनिया की नजरों में आ गए थे। तब से वे लगातार सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ रहे हैं। आज वे भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण की जान बन चुके हैं।

ईशांत ने कहा मैंने 14 वर्ष की उम्र से खेलना शुरू किया था। मुझे आज भी गली क्रिकेट बहुत पसंद है। मैं जब खेला करता था तो मेरा एक साथी खिलाड़ी राजेश हुआ करता था, जिसे आउट करना मुझे बहुत पसंद था। वह मेरा रिकी पोंटिंग होता था। उसे आउट करने में मुझे बहुत मजा आता था।

दसवीं क्लास के बाद मुझे किसी स्कूल में एडमीशन नहीं मिल रहा था। तब मेरे कोच ने मुझे एडमीशन दिलवाया। जब मैं 11वीं में फेल हो गया तो उन्होंने मुझे 11वीं भी पास करवाई। हालाँकि मैं अभी तक 12वीं पास नहीं कर पाया हूँ।

क्रिकेट में बेशक अब ट्‍वेंट-20 का बोलबाला होने लगा है, लेकिन ईशांत अब भी मानते हैं कि एक खिलाड़ी के लिए टेस्ट क्रिकेट ही सर्वोच्च होता है और वह यह चाहता है कि उसे सबसे पहले एक टेस्ट क्रिकेटर के रूप में जाना जाए।

अपनी सफलताओं के बावजूद ईशांत ने कहा कि उनकी अब भी बराबर कोशिश रहती है कि वह कुछ न कुछ नया सीखते रहें। मैं जैसा खेलता हूँ, वैसा खेलता रहूँगा लेकिन क्रिकेट में सीखने के लिए मेरी लगन हमेशा कायम रहेगी।

English Translation
Playing cricket in the gullies often got you into trouble, especially when you broke the neighbour's window panes. Ishant Sharma has got a dressing down from the BCCI for a similar reason, for supporting a gully cricket tournament.

The appearance at the launch of a new 'T10 Gully cricket' league has Ishant Sharma in a bit of the spot. The BCCI is apparently not too happy with the young bowler for signing on as the brand ambassador for this event.

But the organisers argue there is no conflict of interest between them and the bosses of Indian cricket.

"This is primarily a tournament for those who have not played first class cricket. So they are not under the provision of the board anyway," said the organisers of the tournament.

The tournament seems to have a innocuous enough mission; to discover new talent by encouraging a format that is known to every cricket loving kid in India.

And the man handling the tournament is former India coach Lalchand Rajput, who believes this tournament is ideally suited for newcomers.

"The main essence of this tournament is to give the opportunity to the players who have not played for their state and who are hungry to be successful," revealed Rajput.

Nothing sinister sounding here, the BCCI has nothing really to worry about.

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