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अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री अब्दुल रहमान अंतुले ने अपने बयान को मीडिया में कांट-छांट कर पेश किए जाने के मामले में सफाई देते हुए कहा कि उन्होने ऐसा कुछ नहीं कहा है, जिस पर बवाल हो। अगर मेरे बयान से किसी को कोई आपत्ति है तो इसका मुझे खेद है। बाद में उन्होने यह भी कहा कि अगर मुझे इस्तीफा भी देना पड़े तो मै दे सकता हूं।
मुंबई हमले में मारे गए एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे के बारे में अंतुले ने कहा था कि हेमंत करकरे को मारने वाले लोग कौन थे। उनके इस बयान पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया और उनके इस्तीफे तक की मांग कर डाली। कांग्रेस ने इसे निजी बयान बताकर कहा कि अंतुले इस बात पर जोर दिया कि मुंबई में हुए आतंकी हमले के दौरान किस व्यक्ति ने फोन कर करकरे को कामा अस्पताल के पास हमलों के बारे में जानकारी दी। जबकि हमला अन्य जगहों पर हुआ था। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अंतुले ने अपने बयान में यह नहीं कहा कि वे लोग लश्कर के लोग नहीं थे या फिर वे लोग पाकिस्तानी नहीं थे। उन्होने तो यही कहा था कि करकरे को फोन करने वाले लोग कौन थे।
बयान पर मचे बवाल के बाद अंतुले ने कांग्रेस नेतृत्व और सरकार को अपनी सफाई दी। उन्होने मीडिया से भी कहा कि उनकी बात को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। उन्होने कहा कि मैने यह नहीं कहा कि करकरे और अन्य अफसर आतंकवादियों के हमले का शिकार नहीं हुए है। अंतुले के बयान पर लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष ने अंतुले के इस्तीफे की मांग की। भाजपा के संतोष गंगवार ने कहा कि एक केन्द्रीय मंत्री ने गैर जिम्मेदाराना बयान दिया है, जिसके लिए उन्हे बर्खास्त किया जाना चाहिए।
English Translation
Minority affairs minister A R Antulay wondered whether the terrorists who attacked Mumbai on November 26 actually killed the antiterrorist squad chief, Hemant Karkare. His questions — more rhetorical than demanding — imply that Karkare’s murder was connected to his investigation into the Malegaon blasts, and its ‘Hindu’ perpetrators. Antulay’s comments caused an uproar both in Parliament as well as in his party, but on Thursday he remained unfazed.Antulay’s comments appear to be in the same category of taste as Kerala chief minister V S Achuthanandan’s comments about the grieving home of the late Sandeep Unnikrishnan, who like Karkare was martyred during the siege of Mumbai..
But in substance they echo the suspicions of former ISI chief Hamid Gul, who in the days immediately after the siege, waved off Indian demands for the extradition by Pakistan of Lashkar- e-Taiba terrorists, and pointedly said that India had similarly blamed the Samjhauta Express blasts on the ISI, when it turned out to have been linked to the Malegaon blast suspects Gul does not have to worry about Indian sensibilities, but the Congress does; thus it distanced itself from Antulay’s remarks faster than you can say “Hindu backlash”.
Antulay’s conspiracy theory is undoubtedly totally misplaced, but that is not the point. One wonders whether the UPA would be all that unhappy, for both Ram Vilas Paswan and an RJD MP did show support to Antulay’s query. Conspiracy theories have long been the life-blood of political gossip in the subcontinent; more so in Pakistan, with its history of absence of democracy and free press, and in Kashmir, where a longstanding discontent with the Indian State has led to an atmosphere in which rumours are more sacrosanct than the news. Most Indian Muslims have had their suspicions about the Malegaon, Mehrauli and Samjhauta Express blasts.
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री अब्दुल रहमान अंतुले ने अपने बयान को मीडिया में कांट-छांट कर पेश किए जाने के मामले में सफाई देते हुए कहा कि उन्होने ऐसा कुछ नहीं कहा है, जिस पर बवाल हो। अगर मेरे बयान से किसी को कोई आपत्ति है तो इसका मुझे खेद है। बाद में उन्होने यह भी कहा कि अगर मुझे इस्तीफा भी देना पड़े तो मै दे सकता हूं।
मुंबई हमले में मारे गए एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे के बारे में अंतुले ने कहा था कि हेमंत करकरे को मारने वाले लोग कौन थे। उनके इस बयान पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया और उनके इस्तीफे तक की मांग कर डाली। कांग्रेस ने इसे निजी बयान बताकर कहा कि अंतुले इस बात पर जोर दिया कि मुंबई में हुए आतंकी हमले के दौरान किस व्यक्ति ने फोन कर करकरे को कामा अस्पताल के पास हमलों के बारे में जानकारी दी। जबकि हमला अन्य जगहों पर हुआ था। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अंतुले ने अपने बयान में यह नहीं कहा कि वे लोग लश्कर के लोग नहीं थे या फिर वे लोग पाकिस्तानी नहीं थे। उन्होने तो यही कहा था कि करकरे को फोन करने वाले लोग कौन थे।
बयान पर मचे बवाल के बाद अंतुले ने कांग्रेस नेतृत्व और सरकार को अपनी सफाई दी। उन्होने मीडिया से भी कहा कि उनकी बात को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। उन्होने कहा कि मैने यह नहीं कहा कि करकरे और अन्य अफसर आतंकवादियों के हमले का शिकार नहीं हुए है। अंतुले के बयान पर लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष ने अंतुले के इस्तीफे की मांग की। भाजपा के संतोष गंगवार ने कहा कि एक केन्द्रीय मंत्री ने गैर जिम्मेदाराना बयान दिया है, जिसके लिए उन्हे बर्खास्त किया जाना चाहिए।
English Translation
Minority affairs minister A R Antulay wondered whether the terrorists who attacked Mumbai on November 26 actually killed the antiterrorist squad chief, Hemant Karkare. His questions — more rhetorical than demanding — imply that Karkare’s murder was connected to his investigation into the Malegaon blasts, and its ‘Hindu’ perpetrators. Antulay’s comments caused an uproar both in Parliament as well as in his party, but on Thursday he remained unfazed.Antulay’s comments appear to be in the same category of taste as Kerala chief minister V S Achuthanandan’s comments about the grieving home of the late Sandeep Unnikrishnan, who like Karkare was martyred during the siege of Mumbai..
But in substance they echo the suspicions of former ISI chief Hamid Gul, who in the days immediately after the siege, waved off Indian demands for the extradition by Pakistan of Lashkar- e-Taiba terrorists, and pointedly said that India had similarly blamed the Samjhauta Express blasts on the ISI, when it turned out to have been linked to the Malegaon blast suspects Gul does not have to worry about Indian sensibilities, but the Congress does; thus it distanced itself from Antulay’s remarks faster than you can say “Hindu backlash”.
Antulay’s conspiracy theory is undoubtedly totally misplaced, but that is not the point. One wonders whether the UPA would be all that unhappy, for both Ram Vilas Paswan and an RJD MP did show support to Antulay’s query. Conspiracy theories have long been the life-blood of political gossip in the subcontinent; more so in Pakistan, with its history of absence of democracy and free press, and in Kashmir, where a longstanding discontent with the Indian State has led to an atmosphere in which rumours are more sacrosanct than the news. Most Indian Muslims have had their suspicions about the Malegaon, Mehrauli and Samjhauta Express blasts.
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