हिन्दी रूपांतरण:
गणतंत्र दिवस समारोह में दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा सहित 11 शहीदों को उनके अदम्य शौर्य और साहस के लिए शांतिकाल में दिया जाने वाला सबसे प्रतिष्ठित पदक 'अशोक चक्र' देकर सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने मेडल लेने पहुंचे शहीदों के परिजनों का कंधा थपथपा कर हौसला बढ़ाया। इतना ही नहीं, जिस समय उद्घोषक शहीदों की गौरवगाथा का परिचय दे रहा होता था, महामहिम राष्ट्रपति शहीदों के सम्मान में ताली बजाने लगती थीं।
19 सितंबर 2008 को दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा को सूचना मिली थी कि दिल्ली में सीरियल बम धमाके करने वाले संदिग्ध आतंकी बटला हाउस स्थित एक फ्लैट में छिपे हैं। वह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। उन्होंने जैसे ही फ्लैट के अंदर प्रवेश किया, अंदर छिपे आतंकवादियों ने उन पर गोलियों की बौछार कर दी।
जवाबी कार्रवाई में दो आतंकी मौके पर ढेर कर दिए गए। इस ऑपरेशन में शर्मा शहीद हो गए। शर्मा को उनके अनुकरणीय साहस और कर्त्तव्य परायणता के लिए मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया। उनकी पत्नी माया शर्मा ने राष्ट्रपति से यह पदक प्राप्त किया।
मुंबई में 26 नवंबर 2008 की रात हुए टेररिस्ट अटैक में महाराष्ट्र एटीएस के चीफ हेमंत कमलाकर करकरे शहीद हो गए थे। करकरे को अशोक चक्र से सम्मानित किया गया। उनकी पत्नी कविता ने राष्ट्रपति से यह पदक प्राप्त किया। इसी हमले में शहीद हुए अपर पुलिस आयुक्त अशोक मारुतराव काम्टे, इंस्पेक्टर विजय सहदेव सालस्कर और तुकाराम गोपाल ओंबले को भी मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति से यह पदक इन शहीदों की पत्नियों क्रमश: विनीता काम्टे, स्मिता सालस्कर और तारा बाई ओंबले ने प्राप्त किया।
27 नवंबर 2008 को ताजमहल होटल में आतंकवादियों को मार गिराने के लिए कमांडो ऑपरेशन किया गया। आतंकवादियों के कब्जे से 14 बंधकों को छुड़ाने के लिए टीम का नेतृत्व मेजर संदीप उन्नीकृष्णन ने किया। उन्होंने जान देकर बंधकों को छुड़ाया। इस उत्कृष्ट वीरता के लिए उन्हें अशोक चक्र देकर सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति से शहीद की मां धनलक्ष्मी ने यह पदक प्राप्त किया। नरीमन हाउस, मुंबई में आतंकवादियों द्वारा बंधक बनाए गए लोगों मुक्त कराने में हवलदार गजेंद सिंह ने अपनी जान कुर्बान कर दी। उनके इस बलिदान के लिए उन्हें अशोक चक्र देकर सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति से उनकी पत्नी विनीता देवी ने यह पदक प्राप्त किया।
6 नवंबर 2007 को मेघालय में उग्रवादियों से लोहा लेते हुए मेघालय पुलिस सेवा के आर. पी. डेंगदोह, 15 फरवरी 2008 को भुवनेश्वर के जंगल में नक्सलवादियों से हुई मुठभेड़ में उड़ीसा राज्य सशस्त्र पुलिस के विशेष ऑपरेशन ग्रुप के सहायक कमांडेंट प्रमोद कुमार सतपथी, जम्मू-कश्मीर में 22 अगस्त 2008 को आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में राष्ट्रीय राइफल बटालियन के कमान अफसर कर्नल जोजन थॉमस और 25 सितंबर 2008 को जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए हवलदार बहादुर सिंह बोहरा शहीद हो गए थे। इन्हें भी अशोक चक्र से सम्मानित किया गया। पदक लेने के लिए इन शहीदों की पत्नियां यहां मौजूद थीं।
English Translation:
Two months after the Mumbai terror attack rocked the nation, India on Monday bestowed upon its bravehearts of Mumbai, New Delhi and Kashmir the highest peacetime gallantry award, Ashok Chakra, at the annual parade marking the 60th Republic Day.
As President Pratibha Devisingh Patil gave away the awards to 11 soldiers and policemen posthumously, including six killed in the Mumbai terror attacks Nov 26-29, for "supreme sacrifice" and "exceptional gallantry", 10 widows and one mother stood stoically, hearing on the public address system the encomiums to their loved ones who were no more. Not one broke down as thousands gathered in Rajpath for the Republic Day parade watched in pin drop silence.
National Security Guard (NSG) commando Major Sandeep Unnikrishnan and Havildar Gajender Singh, Maharashtra's Joint Police Commissioner Hemant Kamlakar Karkare, Additional Commissioner of Police Ashok Marutrao Kamte, Inspector Vijay Shahadev Salaskar and Assistant Sub-Inspector Tukaram Gopal Ombale were awarded the gallantry award for their role in thwarting the terrorists during the Nov 26-29 attacks in Mumbai.
Karkare, Kamte and 9 others to get Ashok Chakra
Unnikrishnan's mother Dhanalakshmi touched Patil's feet in the traditional gesture of respect after receiving the Ashok Chakra on behalf of her son. The president made it a point to pat Karkare's widow Kavita, Kamte's widow Vinita and each of their other women on the shoulder, and all the others, and spoke briefly to each.
The parade began with the nation recalling the "major assault to its peace" in Mumbai two months back and the "mythical courage" displayed by the heroes.
The commentator said: "On Nov 26 last year, a group of murderous terrorists unleashed raw evil on the soul of Mumbai, one of India's best loved cities. Today every citizen respectfully pays homage to India's martyrs and promises to the families left behind, that no matter what, their loved ones will not have died in vain.
Delhi Police get 15 medals, three gallantry awards
"As we honour our gallant heroes this morning (Monday), forever will be engraved in our collective conscience the unforgettable images of our fearless warriors from the police force, the armed forces and the commandos, who looked death straight in the face and said 'No, not on my territory'."
In a synchronised attack on November 26-29 in Mumbai, ten armed terrorists killed over 170 people, including 14 policemen.
गणतंत्र दिवस समारोह में दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा सहित 11 शहीदों को उनके अदम्य शौर्य और साहस के लिए शांतिकाल में दिया जाने वाला सबसे प्रतिष्ठित पदक 'अशोक चक्र' देकर सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने मेडल लेने पहुंचे शहीदों के परिजनों का कंधा थपथपा कर हौसला बढ़ाया। इतना ही नहीं, जिस समय उद्घोषक शहीदों की गौरवगाथा का परिचय दे रहा होता था, महामहिम राष्ट्रपति शहीदों के सम्मान में ताली बजाने लगती थीं।
19 सितंबर 2008 को दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा को सूचना मिली थी कि दिल्ली में सीरियल बम धमाके करने वाले संदिग्ध आतंकी बटला हाउस स्थित एक फ्लैट में छिपे हैं। वह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। उन्होंने जैसे ही फ्लैट के अंदर प्रवेश किया, अंदर छिपे आतंकवादियों ने उन पर गोलियों की बौछार कर दी।
जवाबी कार्रवाई में दो आतंकी मौके पर ढेर कर दिए गए। इस ऑपरेशन में शर्मा शहीद हो गए। शर्मा को उनके अनुकरणीय साहस और कर्त्तव्य परायणता के लिए मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया। उनकी पत्नी माया शर्मा ने राष्ट्रपति से यह पदक प्राप्त किया।
मुंबई में 26 नवंबर 2008 की रात हुए टेररिस्ट अटैक में महाराष्ट्र एटीएस के चीफ हेमंत कमलाकर करकरे शहीद हो गए थे। करकरे को अशोक चक्र से सम्मानित किया गया। उनकी पत्नी कविता ने राष्ट्रपति से यह पदक प्राप्त किया। इसी हमले में शहीद हुए अपर पुलिस आयुक्त अशोक मारुतराव काम्टे, इंस्पेक्टर विजय सहदेव सालस्कर और तुकाराम गोपाल ओंबले को भी मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति से यह पदक इन शहीदों की पत्नियों क्रमश: विनीता काम्टे, स्मिता सालस्कर और तारा बाई ओंबले ने प्राप्त किया।
27 नवंबर 2008 को ताजमहल होटल में आतंकवादियों को मार गिराने के लिए कमांडो ऑपरेशन किया गया। आतंकवादियों के कब्जे से 14 बंधकों को छुड़ाने के लिए टीम का नेतृत्व मेजर संदीप उन्नीकृष्णन ने किया। उन्होंने जान देकर बंधकों को छुड़ाया। इस उत्कृष्ट वीरता के लिए उन्हें अशोक चक्र देकर सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति से शहीद की मां धनलक्ष्मी ने यह पदक प्राप्त किया। नरीमन हाउस, मुंबई में आतंकवादियों द्वारा बंधक बनाए गए लोगों मुक्त कराने में हवलदार गजेंद सिंह ने अपनी जान कुर्बान कर दी। उनके इस बलिदान के लिए उन्हें अशोक चक्र देकर सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति से उनकी पत्नी विनीता देवी ने यह पदक प्राप्त किया।
6 नवंबर 2007 को मेघालय में उग्रवादियों से लोहा लेते हुए मेघालय पुलिस सेवा के आर. पी. डेंगदोह, 15 फरवरी 2008 को भुवनेश्वर के जंगल में नक्सलवादियों से हुई मुठभेड़ में उड़ीसा राज्य सशस्त्र पुलिस के विशेष ऑपरेशन ग्रुप के सहायक कमांडेंट प्रमोद कुमार सतपथी, जम्मू-कश्मीर में 22 अगस्त 2008 को आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में राष्ट्रीय राइफल बटालियन के कमान अफसर कर्नल जोजन थॉमस और 25 सितंबर 2008 को जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए हवलदार बहादुर सिंह बोहरा शहीद हो गए थे। इन्हें भी अशोक चक्र से सम्मानित किया गया। पदक लेने के लिए इन शहीदों की पत्नियां यहां मौजूद थीं।
English Translation:
Two months after the Mumbai terror attack rocked the nation, India on Monday bestowed upon its bravehearts of Mumbai, New Delhi and Kashmir the highest peacetime gallantry award, Ashok Chakra, at the annual parade marking the 60th Republic Day.
As President Pratibha Devisingh Patil gave away the awards to 11 soldiers and policemen posthumously, including six killed in the Mumbai terror attacks Nov 26-29, for "supreme sacrifice" and "exceptional gallantry", 10 widows and one mother stood stoically, hearing on the public address system the encomiums to their loved ones who were no more. Not one broke down as thousands gathered in Rajpath for the Republic Day parade watched in pin drop silence.
National Security Guard (NSG) commando Major Sandeep Unnikrishnan and Havildar Gajender Singh, Maharashtra's Joint Police Commissioner Hemant Kamlakar Karkare, Additional Commissioner of Police Ashok Marutrao Kamte, Inspector Vijay Shahadev Salaskar and Assistant Sub-Inspector Tukaram Gopal Ombale were awarded the gallantry award for their role in thwarting the terrorists during the Nov 26-29 attacks in Mumbai.
Karkare, Kamte and 9 others to get Ashok Chakra
Unnikrishnan's mother Dhanalakshmi touched Patil's feet in the traditional gesture of respect after receiving the Ashok Chakra on behalf of her son. The president made it a point to pat Karkare's widow Kavita, Kamte's widow Vinita and each of their other women on the shoulder, and all the others, and spoke briefly to each.
The parade began with the nation recalling the "major assault to its peace" in Mumbai two months back and the "mythical courage" displayed by the heroes.
The commentator said: "On Nov 26 last year, a group of murderous terrorists unleashed raw evil on the soul of Mumbai, one of India's best loved cities. Today every citizen respectfully pays homage to India's martyrs and promises to the families left behind, that no matter what, their loved ones will not have died in vain.
Delhi Police get 15 medals, three gallantry awards
"As we honour our gallant heroes this morning (Monday), forever will be engraved in our collective conscience the unforgettable images of our fearless warriors from the police force, the armed forces and the commandos, who looked death straight in the face and said 'No, not on my territory'."
In a synchronised attack on November 26-29 in Mumbai, ten armed terrorists killed over 170 people, including 14 policemen.
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