Tuesday, January 13, 2009

हड़ताल खत्म, चल पड़े 60 लाख ट्रक - जनवरी 13, 2009

हिन्दी रूपांतरण:

आठ दिन तक टस से मस होने वाले 60 लाख ट्रकों के पहिये सोमवार की शाम 7 बजे चल पड़े। तीन घंटे तक चली सरकार के साथ वार्ता में जीत ट्रक ट्रांसपोर्टरों की हुई। इस मौके पर कुछ मांगें तुरंत मानी गई, तो कुछ मांगों के लिए कमेटी बना दी गई। हड़ताल भी खत्म हो गई और ट्रकों का कारवां भी चल पड़ा। लेकिन, नहीं छूटे चक्का जाम का ऐलान करने वाले अध्यक्ष सहित आधा दर्जन आला ट्रांसपोर्टर नेता। उनके खिलाफ दर्ज दोनों मामलों को वापस लेने का सरकार ने ऐलान किया है। उम्मीद है कि मंगलवार की शाम तक सभी नेता बाहर जाएंगे। हड़ताल से परेशान कारोबारी एवं उद्योग जगत ने राहत की सांस ली है। दिल्लीवासियों ने भी खुशी जताई है, क्योंकि फल-सब्जियों की कीमतों पर हड़ताल खत्म होने का असर दिखने लगा था।

हड़ताल की अगुवाई एवं सरकार के साथ बातचीत में शामिल ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गुरिंदर पाल सिंह ने भी इसकी पुष्टि की है। 'दैनिक जागरण' से बातचीत में उन्होंने बताया कि उनकी मेहनत रंग लाई। सर्विस टैक्स की बात मान ली गई। टोल टैक्स दिसंबर 2007 में लागू नियम के अनुसार ही लगेगा। उसमें मौजूद खामियां भी दूर होंगी। डीजल की दर तीन रुपये प्रति लीटर कम करने पर सरकार राजी हो गई। अन्य मांगों के लिए 12 सदस्यीय कमेटी बनाई जाएगी जिसमें ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के भी चार सदस्य होंगे। कुछ स्थानीय मांगें मिल-बैठकर हल की जाएंगी।

गुरिंदर पाल सिंह की माने तो रविवार 4 जनवरी की रात 12 बजे से जाम हुए ट्रकों के पहिये आठ दिन बाद खुल गए। सोमवार 12 जनवरी की शाम 6.30 बजे जैसे ही हड़ताल के खत्म होने का ऐलान हुआ, ट्रकों का कारवां चल पड़ा। मंगलवार की दोपहर तक स्थिति सामान्य हो जाएगी। जरूरी चीजों की आपूर्ति भी शाम तक नार्मल हो जाएगी।

इधर, ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के कानूनी सलाहकार एवं अधिवक्ता प्रमोद कुमार शर्मा ने बताया कि सोमवार की देर शाम गृह मंत्रालय ने ट्रांसपोर्टर नेताओं पर लगे एनएसए को वापस लेने की हरी झंडी दे दी है। मंगलवार को औपचारिकताएं पूरी करने के बाद शाम तक राष्ट्रीय अध्यक्ष चरण सिंह लोहाड़ा, महासचिव वेणु गोपाल, हरी ओम, सुनील अत्री, ओपी अग्रवाल एक अन्य छूट जाएंगे।

English Translation:

Truckers on Monday called off an eight-day strike that had nudged up prices of commodities and disrupted supplies of industrial goods, after talks with the government on measures including cuts in tolls and taxes.

"The All India Motor Transport Congress withdraws the strike unconditionally. Transport services shall be restored forthwith," the industry body, representing about six million trucks, said in a joint statement with the transport ministry.

The transport ministry clarified there would be no increase in toll taxes on national highways for a period of one year, as agreed last July, and that a committee would look into issues relating to national permits and rationalisation of taxes.

"On reduction in diesel prices ... an appropriate decision will be taken after considering all aspects," the statement said.

The junior oil minister on Monday said India planned to cut fuel prices in 10 days. Fuel prices were last cut on Dec. 6.

Some key truckers' union officers were arrested at the weekend, and deliveries of fruits, vegetables, essential goods and commodities had resumed on Monday in several states including Maharashtra, Andhra Pradesh, Karnataka and Rajasthan.

More than 70 percent of freight in India moves by road, and truckers had benefited from a booming economy which encouraged demand for transport of cement, steel and finished goods.

But the Indian economy, Asia's third-largest, has showed signs of slowing amid the global financial crisis after growing at about 9 percent or more in the past three years.

An industry survey at the weekend showed business confidence sank to a seven-year low, with most corporates fearing a further weakening in the overall economic condition.

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